नई दिल्ली, हरिवंश नारायण सिंह लगातार दूसरी बार राज्यसभा में उपसभापति चुने गए हैं। राज्यसभा में राजग (एनडीए) के उम्मीदवार का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार मनोज झा से था। ध्वनि मत से हुए मतदान में हरिवंश ने जीत हासिल की।
जगत प्रकाश नड्डा ने हरिवंस को उपसभापति बनाने का प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष की ओर से गुलाम नबी आजाद ने मनोज झा के नाम का प्रस्ताव रखा। जेडीयू की तरफ से राज्यसभा सदस्य हरिवंश व आरजेडी नेता मनोज झा के बीच हुए इस मुकाबले को आगामी बिहार चुनाव से पहले दिलचस्पी से देखा जा रहा है।
हरिवंश सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। हरिवंश राजनीति में जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से भी प्रेरित हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताब दियारा गांव में 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया।
हरिवंश ने वर्ष 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया। ढाई दशक से अधिक समय तक ‘प्रभात खबर के प्रधान संपादक रहे हरिवंश को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में भेजा। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है।
हरिवंश ने कई पुस्तकें लिखी और संपादित की हैं। इनमें ‘दिसुम मुक्तगाथा और सृजन के सपने, ‘जोहार झारखंड, ‘झारखंड अस्मिता के आयाम, ‘झारखंड सुशासन अभी भी संभावना है, ‘बिहार रास्ते की तलाश’ शामिल हैं।