जीएसटी काउंसिल ने टैक्स रेट घटाया, करदातों की संख्या 124 करोड़: वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी से कारोबार जगत को हुए फायदे को लेकर जारी सिलसिलेवार ट्वीट में अपनी उपलब्धियां भी गिनाई है। मंत्रालय ने 1.5 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबार को कम्पोजिट स्कीम का चुनाव कर सिर्फ 1 फीसदी टैक्स देने का विकल्प दिया है। इससे पहले 75 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कारोबारी ही कम्पोजिशन स्कीम को चुन सकते थे।
गौरतलब है कि अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहने के दौरान ही जनवरी, 2019 में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल ने छोटे कारोबारियों को बड़ा तोहफा दिया था। अब 40 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से मुक्ति दे दी गई है। पहले ये सीमा 20 लाख रुपये की थी। GST reduced tax rates, doubled taxpayer base to 1.24 crore
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा है कि जीएसटी को लागू होने के के बाद से अधिकांश चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है। मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है कि अब 28 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत केवल विलासिता से जुड़ी चीजें एवं अहितकर सामान ही रह गए हैं। इस टैक्स स्लैब के तहत 230 वस्तुएं थी, लेकिन लगभग 200 वस्तुओं को कम टैक्स वाले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया है।
इसी तरह निर्माण क्षेत्र, खासकर हाउसिंग सेक्टर को भी कई राहत दी है। इस सेक्टर के लिए अब जीएसटी रेट सिर्फ 5 फीसदी है। इतना ही नहीं अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए जीएसटी को सिर्फ एक फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सपेयर बेस दोगुना हो गया है। GST reduced tax rates, doubled taxpayer base to 1.24 crore
उल्लेखनीय है कि शुरुआत में जीएसटी के तहत आने वाले कारोबारी करीब 65 लाख थे, जिसकी संख्या बढ़कर 1.24 करोड़ तक पहुंच गई है। वहीं, जीएसटी से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटेड हो गई है। इसके अलावा अभी तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन फाइल किए जा चुके हैं और 131 करोड़ ई-बिल जेनरेट हुए हैं।GST reduced tax rates, doubled taxpayer base to 1.24 crore