– मुठभेड़ों में घायल होने पर सीआरपीएफ के जवानों और पैरामेडिक्स को सहायता मिलेगी
– माओवादी क्षेत्रों के तंग इलाकों और संकरी सड़कों पर तेजी से पहुंचना होगा आसान
नई दिल्ली, देशज न्यूज। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सोमवार को बाइक एम्बुलेंस ‘रक्षिता’ लॉन्च की गई। यह (Bike ambulance ‘Rakshitha’ launched to provide medical care to CRPF in Naxalite affected areas) बाइक एम्बुलेंस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा आपातकाल या मुठभेड़ के दौरान घायल होने की स्थिति में सुरक्षा बल के जवानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित की गई है।
डीआरडीओ ने नक्सल क्षेत्रों में मुठभेड़ के दौरान घायल हुए सुरक्षा बलों के जवानों को तत्काल चिकित्सा जरूरत उपलब्ध कराने के लिए एम्बुलेंस (Bike ambulance ‘Rakshitha’ launched to provide medical care to CRPF in Naxalite affected areas) बाइक विकसित की है। आज इस एम्बुलेंस बाइक का शुभारंभ डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) में किया गया।
यह बाइक मुठभेड़ों के दौरान घायल होने की स्थिति में सीआरपीएफ के जवानों और पैरामेडिक्स को सहायता देगी। सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि ये बाइक छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा आदि क्षेत्रों में अधिक उपयोगी होगी, क्योंकि (Bike ambulance ‘Rakshitha’ launched to provide medical care to CRPF in Naxalite affected areas) जंगल के अंदर बड़े वाहनों या एम्बुलेंस को ले जाना कठिन होता है।
डीआरडीओ सूत्रों का कहना है कि विशेष रूप से माओवादी क्षेत्रों के तंग इलाकों और संकरी सड़कों पर तेजी से पहुंचने के लिए सीआरपीएफ की जरूरतों को देखने के बाद इस बाइक का विकास (Bike ambulance ‘Rakshitha’ launched to provide medical care to CRPF in Naxalite affected areas) किया गया है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां चिकित्सा सुविधाएं समय पर न पहुंचने और चिकित्सा सहायता में देरी से मुठभेड़ों में घायल जवानों की स्थिति और गंभीर हो गई।
इस एम्बुलेंस बाइक का विकास इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज ने किया जो बायोमेडिकल और क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में (Bike ambulance ‘Rakshitha’ launched to provide medical care to CRPF in Naxalite affected areas) रेडिएशन, न्यूरोकाॅग्निटिव इमेजिंग और रिसर्च के संदर्भ में भी काम करता है। यह रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान और विकास विंग है जो डीआरडीओ के तहत कार्य करता है।