जेल से लालू का ट्वीट, पलटूराम रंग बदलने में माहिर बाड़न. एक तरफ जनता के पीठ में छुरा भोके के काम करतारन ओही दुसर ओर गरीब के नागरिकता छिने खातिर सदन में समर्थन कईले बाड़न
पटना, देशज न्यूज (Deshaj News.)। आज से ठीक तीन साल पहले मकर संक्रांति के दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगाया था यह कहते हुए, यह विष्णु भगवान का तिलक है इससे भाजपा के ग्रह-गोचर का असर नीतीश पर नहीं होगा और नीतीश के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार 20 साल तक चलेगी।
तीन साल में गंगा में बहुत पानी बह चुका है। इस दही तिलक और 20 साल तक महागठबंधन की सरकार चलने की भविष्यवाणी के छह महीने के अन्दर महागठबंधन भी टूट गया। उसकी सरकार भी ख़त्म हो गई। तीन साल के बाद बुधवार को लालू यादव ने जेल से अपने चिर परिचित अंदाज़ और भोजपुरी में एक ट्वीट किया है: पलटूराम रंग बदलने में माहिर बाड़न. एक तरफ जनता के पीठ में छुरा भोके के काम करतारन ओही दुसर ओर गरीब के नागरिकता छिने खातिर सदन में समर्थन कईले बाड़न।
नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर लालू यादव ने लिखा है – जेकर बाप-दादा पढ़ल-लिखल नईखन अउरू ओकर बाप-दादा के नाम से कउनो जमीन जायदाद नईखे एह बिल कारण उ एह देश के नागरिक ना मानल जाई।
केवल लालू ने ही नहीं उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, जिन्होंने तीन साल पहले आज ही के दिन नीतीश को दही, चूड़ा और तिलकुट परोसा था, ने भी मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए भोजपुरी में ही ट्वीट किया है–समूचा देश सीएए, एनआरसी व एनपीआर के ज्वाला में जल रहल बा बाकी नीतीश जी झुठों के जनता के बेवकूफ बना रहल बा. एक ओर सदन में एह बिल के समर्थन करता अउरू दूसर ओर बिल के लागू ना होखे के बात कहता. ई केकरा के मूर्ख बनावतारन. जनता सब जानता,ईनकर दूधारी तलवार के कुन्द करे के विचार जनता बना लेले बा।
वैसे इस साल राबड़ी देवी के निवास पर मकर संक्रांति के भोज का आयोजन नहीं हुआ।अलबत्ता तेजस्वी यादव कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित भोज में भाग लेने पहुंचे। पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते रहे।दही का तिलक लगाने के 3 साल बाद जेल से लालू कहिन, पलटूराम रंग बदलने में माहिर बाड़न