मंच से सर्वदलीय नेताओं की ओर से मोदी-अमित शाह विरोधी हुंकार से वातावरण गूंजायमान हो रहा था। गांधी सेना के संयोजक अमानुल्लाह खान के नेतृत्व में आयोजित विशाल जनसभा में सभी धर्म-वर्ग के लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई। मंच से पुराने समाजवाद की दिग्गज नेताओं की ओजस्वी वक्तव्य यहां कई प्रश्न छोड़ गए हैं। स्वतः स्फूर्ति उत्साहवर्धक लोगों की भीड़, बुद्धिजीवियों की सहभागिता व सर्वदलीय कार्यकर्ताओं की उपस्थिति यहां थी।
सड़क से लेकर इस्लामिया मदरसा की मैदान तक आम जनों की हुजूम इस मंच से हो रहे विरोध प्रदर्शन की चश्मदीद बने हुए थे। समाजवाद, साम्यवाद राजद, क्षेत्रीय दल,लोक समता,सजद, सपा, बसपा, कांग्रेस सहित स्वयं सेवी कई संस्थानों के लोगों की ओर से कैब के विरोध में इस मंच पर एकीकृत मंतव्य प्रस्तुत करते देखा गया। भारत सरकार की कथित उपेक्षा पूर्ण नीति व नागरिकता विधेयक के विरोध में दी गई भाषण वहां वर्तमान परिदृश्य में राज्य सरकार का भी सबका विकास नारा की धज्जियां उड़ाते दिखा। खासकर पुराने समाजवादी नेता देवेंद्र प्रसाद यादव की केंद्रीय भाजपा नीत सरकार विरोध में दिया गया कई उपेक्षापूर्ण उदाहरण यहां लगातार तालियां बटोर रही थी।
वहीं, जेपी आंदोलन के अग्रदूत हनुमान प्रसाद राउत, कांग्रेस विधायक भावना झा, भाकपा-माकपा नेताओं सहित स्वयं सेवी संस्थान के लोगों ने यहां बताया, केंद्रीय भाजपा सत्ता आम जनों की सुधि लेने के बजाए देश में भ्रम की स्थिति पैदा कर आपसी भाईचारे को तोड़ने की साजिश कर रही है। इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यहां हम मधुबनी जिला के राजनीतिक विरासत की कुछ दबंग हस्तियों की चर्चा करेंगे जो राजसत्ता की पूर्व में विरोध जताकर सरकार की मंशा पर पानी फेरने का काम किया है।
स्वतंत्रता आंदोलन के बाद साम्यवाद की ढाल भोगेंद्र झा, चतुरानन मिश्र, राजकुमार पूर्वे आदि नेताओं की आमजन की रक्षार्थ अपने बलबूते की गई जन आंदोलन तथा उससे प्राप्त सापेक्ष फलाफल की चर्चा आज भी लोग करते हैं। वैसे ही दिग्गज समाजवादी नेता नेताओं की मांग समर्थन व जन आंदोलन यहां कई गाथाएं लिख चुकी है। कांग्रेस की भी अलग पहचान आम जनों की रक्षार्थ मधुबनी जिला की विरासत में है।
नीतीश सरकार को भी शुरुआती पारितोषिक सर्वप्रथम मिथिलांचल परिक्षेत्र से ही बलवती होना शुरू हुआ था। शनिवार को मधुबनी मुख्यालय में नागरिकता संशोधन विधेयक तथा एनआरसी के विरोध में किए गए प्रदर्शन व विशाल कार्यक्रम की सुगबुगाहट यहां जोर पकड़ रही है । गांधी सेना के संयोजक अमानुल्लाह खान इस विशाल कार्यक्रम के माध्यम से आम जनों में भाजपा केंद्रीय सरकार की कुंठित विचारधारा का विरोध जताया है। इस मंच पर डॉ शकील अहमद को भी भाग लेना था। परंतु उनके परिवार के किसी सदस्य का विदेश में अस्वस्थ होने के कारण वे नहीं आ सके।
मंच से भारतीय मित्र पार्टी के धनेश्वर महतो ने भी अपनी ताकत की एहसास लोगों के बीच करवाया। राजनीतिक प्रेक्षक इस्लामिया मदरसा के परिसर में आयोजित एनआरसी के विरोध में किए गए कार्यक्रम तथा सर्वदलीय नेताओं के साथ आम जनमानस की उत्साहवर्धक जनसमर्थन यहां के आम जनों के बीच की व्यवस्थित भाई चारों वाली मानसिकता को उजागर करती है। नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में मधुबनी जिले में इससे पूर्व बेनीपट्टी, जयनगर, पंडौल, हरलाखी इत्यादि इलाकों में भी पुरजोर विरोध प्रदर्शन किया गया है। चुनावी वर्ष में एनआरसी व नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में विभिन्न दलों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं की एकजुटता को राजनीतिक प्रेक्षक एक अलग नजरिए से देख रहे हैं। इस चुनावी वर्ष में बिहार में दो ध्रुवों के बीच चुनाव होना है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सर्वदलीय नेताओं की एक साथ मंच पर उपस्थिति व गर्दन में गर्दन जोड़ने की अटूट संबंध अभी से यहां बनने लगी है। इसे राजनीतिक टीकाकार विरोधी दल का एकीकृत आंदोलन मान रहे हैं।DT EXCLUSIVE नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मधुबनी बना रहा सर्वदलीय एकीकरण : देशज टाइम्स