दरभंगा, देशज न्यूज। दरभंगा का किलाघाट जिसे हुसैनी बाग भी कहते हैं इन दिनों एनआरसी की आग में धधक रहा है। जिला मोहर्रम कमेटी कार्यालय परिसर लगातार चौबीस घंटे केंद्र सरकार की तुगलगी फरमान के खिलाफ बगावती हो चुका है। यहां धरना के तीसरे दिन भी मौजूद लोग यही कह रहे, हमारा विरोध अनिश्चितकालीन है। धरना-प्रदर्शन जारी है।
किलाघाट यानी हुसैनी बाग में बड़ी संख्या में महिला व बच्चे मौजूद हैं। धरना स्थल के आसपास पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है। आने- जाने के लिए एक रास्ते को चालू किया गया है। दिल्ली की शाहीन बाग से कम नहीं है यहां का माहौल। महिलाएं किलाघाट को हुसैनी बाग के नाम से भी पुकारती पहली बार ठंड के बीच यहां डटीं हैं। जब आम लोग घरों में बिस्तर में होते हैं, ऐसे वक्त में यहां महिलाएं अपने बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे बैठी हैं।
यह नजारा साफ कह रहा, महिलाओं का इस तरह से यहां लगातार बैठना, वह भी लगातार इसमें भाग लेना देश में परिवर्तन जैसी नजारे हैं। कोने-कोने में यह नजारा दिख रहा है। धरना पर बैठने वाले लोगों के लिए धरना आयोजन समिति की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था भी की जा रही है। इसमें कमेटी बनाकर लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
हर तरह के कामों के लिए अलग-अलग लोगों को लगाया गया है। साथ ही साथ यातायात व्यवस्था को भी बनाए रखा जाए, इस पर भी वालंटियर की मदद से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। लगातार नरेंद्र मोदी व अमित शाह के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। छोटे से छोटे बच्चे हों या फिर बुजुर्ग महिलाएं सभी में इस बिल को लेकर गुस्से में हैं।
देश में जेपी आंदोलन के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा और स्पष्ट विरोध एनआरपी एनआरसी व सीए ए बिल के खिलाफ जनाक्रोश हर धर्म के लोगों में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लोगों का कहना है, यह कोई एक धर्म का मामला नहीं है। वक्ताओं ने अपने भाषण में कहा इसका जिक्र करना भी नहीं भूल रहे। धरना-प्रदर्शन में दरभंगा के अमन प्रसन्न सभी धर्मों के लोगों का समर्थन लगातार जारी है। मांग की जा रही है, इसे वापस जितनी जल्दी सरकार लेगी। यही देश व सरकार दोनों के लिए बेहतर होगा। यदि ऐसा नहीं होता, हमारी नहीं मानी जाएगी तो हम भी उसे उस सरकार को अपना सरकार नही मानते हैं।दरभंगा के हुसैनी बाग में NRC की किलेबंदी, 24 घंटे अनवरत किलाघाट में मोदी-शाह का विरोध