छत्तीसगढ़ में सिंहवाड़ा के कवि आनंद की कविताओं ने देश को जगाया…मिला सम्मान
सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स। सिंहवाड़ा के कवि आनंद मिश्र “मिलन” की कविताओं को पूरा देश गुनगुना रहा है। इनकी कविताएं उस भाव को परोसती देश को ललकारती, व्यवस्था से सवाल करती मिलती है जिसके बूते ही समृद्ध व सशक्त कविता और उसकी साहित्यक रसधार का रसास्वादन करना श्रोता चाहते रहे हैं। लिहाजा, सिंहवाड़ा के इस युवा कवि आनंद की कविताओं का पूरे देश में गुणगान हो रहा है। राष्ट्रीय समेत अंतराष्ट्रीय कविओं की जहां बैसार होती है वहीं से आनंद की कविताएं हिलकौरे लेंती हैं।
हाल ही में, तीन दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय कवि संगम के वार्षिक कार्यक्रम में आनंद की कविताओं ने श्रोताओं के दिल को झकझोर दिया। अग्रसेन धाम रायपुर छत्तीसगढ़ में तीन से पांच जनवरी तक आयोजित अष्टम राष्ट्रीय अधिवेशन में आनंद भी उन कवियों की पंगत में बैठे थे जहां छत्तीसगढ़, मध्य-प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम-बंगाल, दिल्ली, अंडमान निकोबार दीप समूह, तेलांगना, आंध्रप्रदेश, केरल,
गुजरात, महाराष्ट्र, ओड़िसा, आसाम, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल-प्रदेश समेत 28 प्रांतों से लगभग चार सौ कवि विशिष्ट तौर पर कविता पाठ करने के लिए सादर आमंत्रित किए गए थे। आनंद ने अपनी रचनाओं से देश प्रेम की अलख जगाई वहीं, सामाजिक सोच व बदलाव के दौर में हो रही कशमकश को अपने शब्दों में पिरोकर मंच से उतारा। श्रोताओं ने तालियों से सिंहवाड़ा के इस देश स्तरीय कवि को सलाम किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके, अध्यक्ष प्रो. अंजली गुप्ता कुलपति गुरु घासीदास केंद्रीय विवि बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि रायपुर-दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आनंद की कविताओं को सराहा। वहीं, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल, अखिल भारतीय मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार व इससे जुड़े सभी बड़े पदाधिकारी अधिवेशन के दौरान आनंद की विशिष्ट कविता की शैली उसकी प्रस्तुति व सामयिक शब्दों की सार्थकता की प्रशंसा की।
छत्तीसगढ़ में सिंहवाड़ा के कवि आनंद की कविताओं ने देश को जगाया…मिला सम्मान
मूलत: सिंहवाड़ा दक्षिणी पंचायत के लालपुर निवासी कवि आनंद मिश्र “मिलन” मुंबई जिला इकाई महाराष्ट्र प्रांत से प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर के मंच पर काव्य पाठ किया। यहां उनकी कविताओं की सराहना बतौर श्रोता वहां मंचासीन राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय ख्यात कवियों ने भी किया। वरिष्ठ कवि व साहित्यकारों ने राष्ट्रभक्ति, साहित्य, स्वच्छता, सम-सामायिक रचना, घनाक्षरी, मुक्तक, गीत, गजल, शायरी व कविता के माध्यम से सरल, सहज व प्रभावशाली ढंग से समाज में जागरूकता लाने वाला संदेश दिया। वहीं, आनंद की कविताओं ने लोगों को जगाया। उन्हें ठौर दिया। मौके पर आनंद समेत सभी कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
छत्तीसगढ़ में सिंहवाड़ा के कवि आनंद की कविताओं ने देश को जगाया…मिला सम्मान