आकिल हुसैन मधुबनी, देशज टाइम्स। मिथिलांचल व सीमांचल को रेल लाइन से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित योजना 31मार्च तक पूरा होने की संभावना है। इस रेल पुल का रेलवे निर्माण के मुख्य अभियताओं की ओर से पहली बार मोटर ट्राली से निरीक्षण करने से लोगों की आस बढ़ गई है। अभियंताओं की टीम ने देशज टाइम्स को बताया, 31मार्च तक कोसी रेल पुला पर रेल लाइन पर गाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
इस रेल महासेतु का शिलान्यास तत्तकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की ओर से 6 जून 2003 को किया गया था। रेल पुल निर्माण में 620 करोड़ की लागत लगा है। शिलान्यास के सोलह साल बाद निर्माण पूरा होने की संभावना है। निर्माणधीन कपनी की ओर से कार्य प्रारंभ किया गया, लेकिन बीच- बीच में राशि के अभाव के कारण कार्य बंद भी कर दिया गया।
सात साल पहले रेल पुल का निर्माण कार्य पूरा किया गया, लेकिन उस पर पटरी नहीं बिछाया गया। अभी पटरी बिछा कर सारा कार्य पूरा कर लिया गया है। इस पुल को सरायगढ़ की ओर से रेलवे ट्रक से जोड़ दिया गया है। सरायगढ़ रेलवे स्टेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है ।
जानकारी के अनुसार, कोसी नदी पर पुराना रेल पुला 1934 के भूकम्प होने के कारण टूट गया। मिथिलांचल व सीमांचल की रेल परिचालन बंद हो गई। इसके बाद फुलपरास अनुमंडल के सटे निर्मली तक ही रेल का मीटर गेज लाइन था। सरायगढ़ से इस कोसी पुल के टूट जाने के कारण रेल परिचालन बंद हो गया।
इसके बाद 2003 में वाजेपयी की ओर से कोसी रेल पुल निर्माण की आधारशिला रखने के बाद लोगो की आस बढ़ गई।काम धीमी रहने के कारण पुल निर्माण में अधिक समय लग गया है। अब रेल पुल निर्माण होने से सकरी झंझारपुर, निर्मली, सरायगढ़, सहरसा अवाम परिवर्तन के तहत कोसी पुल रेलवे ट्रैक से अब सरायगढ़ होते हुए सरहसा से जुड़ जाएगा।
सीनियर डीसीएम रेलवे वीरेंद्र कुमार ने देशज टाइम्स को बताया, कार्य अंतिम चरण पर है। मार्च तक परिचालन होने की सम्भावना है। रेल महा सेतु का टीम की ओर से निरीक्षण किया गया है। 31मार्च तक पुल पर ट्रेन दौड़ेंगी। इस तरह से 85ब्रश पुब रेलवे का जो मिथिलांचल व सीमांचल के बीच जो रिश्ता समाप्त हो गया था वह 31मार्च तक जुड़ जाने से आम लोगों में काफी खुशी दिखाई दे रही है। कोसी सड़क पुल के सामने ही रेल पुल निर्माण किया गया है। इस रेल पुल को चालू होने से सीमांचल व मिथिलांचल जो 85 ब्रश पूर्व का सम्बन्ध टूट गया था, वह रेल पुल चालू होने से जुट जाएगा।31 मार्च को पूरा हो जाएगा अटल बिहारी वाजपेयी का सपना, एक हो जाएगा सीमांचल व मिथिलांचल