बिरौल देशज टाइम्स ब्यूरो। आरएसएस से लेकर भाजपा का समर्थित सदस्य ओम पौद्दार ने वीआईपी का दामन थाम लिया है। अचानक वीआईपी का दामन थाम लेने के पीछे कहीं न कहीं भाजयुमो का आंतरिक विवाद है। हाल ही में भाजयुमो की नई कार्यकारिणी बनी है। नए अध्यक्ष के आने के बाद से माहौल में खटास देखने को मिलने लगा था। हांलाकि भाजयुमो खेमे का कहना है, इसका कोई असर देखने को नहीं मिलेगा। न ही आंतरिक विवाद है बल्कि यह व्यक्तिगत फैसला माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, ओंम पौद्दार को एक माह पूर्व यानी 2 जून 2020 को दरभंगा के सोशल मीडिया का सह मीडिया प्रभारी नियुक्त किए गए थे। लेकिन आंतरिक विवाद में श्री पौद्दार ने अपनी इस जिम्मेदारी को छह माह भी संभाल नहीं सके। तीन जुलाई को ही उन्होंने वीआईपी के नाव पर चढ़ कर भाजयुमो से अपने को किनारा कर लिया।
भाजयुमो के उत्तरी मंडल अध्यक्ष सौरभ कुंवर उर्फ रिक्की राजपूत ने देशज टाइम्स को बताया, ओम पौद्दार के जाने से इनके दल पर कोई असर पड़ने को नहीं है। हमारे सभी सदस्यों मे काफी खुशी है। वैसे भी रविन्द्र पौद्दार जैसे जनसंघ कार्यकाल के वरिष्ठ भाजपा नेता हमारे साथ हैं।