बिरौल देशज टाइम्स ब्यूरो। सुपौल बाजार के पुराना थाना चौक स्थित सद्गुरु कबीर विद्यापीठ परिसर में 38वां दो दिवसीय सद्गुरु कबीर विराट संत सम्मेलन संपन्न हो गया। अपने अध्यक्षीय प्रवचन मेंं असमा के महात्मा अरुण साहेब ने कहा कि मन में छाए अज्ञानता रूपी अन्धकार को दूर हटाने के लिए ज्ञान रूपी प्रकाश की आवश्यकता है। जो सतसंग से ही संभव है। मुजफ्फरपुर से आये संत रीति लाल साहेब के कहा कि अपने स्वरूप को जानना ही वास्तविक ज्ञान है। जो श्रम,साधना एवं संयम-ब्रह्मचर्य के द्वारा ही संभव है।
दलसिंहसराय से आए संत राम विलास साहेब ने कहा कि माता पिता एवं सच्चे संत गुरु की सेवा से बढ़कर कोई दूसरी पूजा एवं भक्ति नहीं है।जयंतीपुर से आए संत रामदास जी ने कहा कि भाग्य और भगवान का भरोसा छोड़ अपने पुरूषार्थ को जगाकर कर्मवीर बनने से ही भौतिक एवं आध्यात्मिक विकास संभव है।जैसे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पीजे अब्दुल कलाम पर्वत पुरूष, दशरथ माझी आदि हैं।
सुपौल जिला के संत कपिलदेव साहेब ने कहा कि मानव द्वारा निर्मित मकान मे किसी विशिष्ट ईश्वर, परमात्मा एवं अल्लाह का बास नहीं होता है। इसी प्रकार संत जीबछ दास,महेश साहेब सहित कई संत महात्माओं ने अपने प्रवचन के माध्यम से सम्मेलन मे उपस्थित श्रोताओं को कन्याभ्रुन हत्या रोकने,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शराब, धूम्रपान का सेवन नहीं करने सहित कई महत्वपूर्ण विंदूओ पर प्रकाश डाले। मौके पर प्रो.सुरज नायक, श्रवण नायक, सुरेन्द्र चौधरी, डॉ.शशि भूषण महतो,संतोष मंडल सहित कई लोग सहयोग कर रहे थे।