बिरौल देशज टाइम्स ब्यूरो। कोरोना के संक्रमण से छात्र-छात्राओं का जीवन सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सरकार ने सर्वप्रथम सरकारी गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को पठन पाठन पर रोक लगाया। लेकिन कई कोचिंग सेंटर के संचालक सरकार के आदेश को राजनीति मुद्दा बताते हुए यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को सरकार और स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध गलत मैसेज देते हुए कोचिंग सेंटर संचालन प्रारंभ रखा।
बीईओ के निर्देश पर चार दिन पूर्व वरीय बीआरपी ने एस एच 56 मुख्य मार्ग पर अवस्थित सिग्मा क्लासेज,टच द स्काई तथा रेडिएंट टुटोरियल शिक्षण संस्थानों को सरकार के गाइडलाइन का उल्लंघन करते पाये गए। लेकिन अभी तक इन कोचिंग सेंटर के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होना अन्य शिक्षण संस्थानों के संचालकों एवं आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
लोगों का कहना है कि बिरौल के शिक्षा विभाग के पदाधिकारी डीएम के आदेश को नहीं मानते हुए इस मामले को पर्दे के पिछे से कहीं रफादफा तो नहीं कर दिया। वरीय बीआरपी रमेश ठाकुर ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने सभी सीआरसी को अपने अपने क्षेत्रों में अगर कोई शिक्षण संस्थान संचालन होने की सूचना मिलने पर संबंधित सीआरसी के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की बात कही। इसके लिए विधिवत पत्र जारी कर दिया गया है।
मामला जो भी हो लेकिन तीन कोचिंग सेंटर के विरुद्ध अभी तक कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय बीईओ कृष्ण कुमार की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ चुका है।
फोटो। चार दिन पूर्व संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर का फाइल फोटो।