पटना। राजधानी पटना में के तीनों बड़े सरकारी अस्पतालों के बेड फुल होने के बाद अब निजी अस्पतालों में भी बेड फुल होने का बोर्ड लगने लगा है। दरअसल, यह समस्या ऑक्सीजन के भीषण संकट के कारण उत्पन्न हुई है।
पांच निजी अस्पतालों में अबतक बेड फुल होने का बोर्ड लगने की सूचना है। निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन का स्टॉक शून्य या शून्य के करीब देख विषम परिस्थिति में तोड़फोड़ के डर से नए मरीजों की भर्ती रोक दी है। बाकी भी एक-दूसरे की तरफ देख रहे हैं, क्योंकि ऑक्सीजन संकट हर तरफ है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सामान्य तौर पर हर दिन 5000 सिलेंडर की डिमांड है, लेकिन उस जरूरत के हिसाब से भी आपूर्ति मात्र 50 प्रतिशत हो रही है। उसपर कोरोना के कारण जरूरत भी बढ़ी हुई है।
पीएमसीएच में कोविड के नोडल डॉक्टर अरुण अजय का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है। इस बार हर किसी के लंग्स में बड़ा असर हो रहा है। सांस लेने में 30 प्रतिशत लोगों को समस्या आ रही है। ऐसे में हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि एक सिलेंडर पर मरीज को 22 से 24 घंटे जिंदगी मिल सकती है। एक सिलेंडर में इतनी ही गैस होती है। अगर इसका रेगुलेटर अधिक खोल दिया जाए तो यह समय घट भी सकता है। हर अस्पताल में बेस ऑक्सीजन ही है और इसी का संकट जानलेवा हो रहा है।