पटना, देशज न्यूज। एक तरफ देश कोरोना संक्रमण से प्रभावित हैं। इस दौर में बाहर फंसे प्रवासी श्रमिकों को बिहार लाने के लिए आवाजें उठती रहीं। प्रवासी श्रमिक बिहार लौटे भी मगर इस पर सियासत शुरु हो गई है।
बिहार में विधानसभा चुनाव करीब है ऐसे में राजनीति का होना तो लाजिमी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने श्रमिकों के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरते हुए बिहार में पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। इसमें भी चौंकाने वाली बात ये है कि तेजस्वी खुद भी शनिवार को अचानक राजद दफ्तर पहुंचे और खुद पोस्टर लगाने के लिए सीढ़ी पर चढ़ गए और पोस्टर लगाया।
पोस्टर लगाते हुए तेजस्वी यादव ने ट्वीट भी किया है और लिखा है- नकारा और निकम्मी बिहार सरकार की ग़रीबों के प्रति नफ़रती सोच को उजागर करने के लिए इस चिट्ठी के होर्डिंग को आज हमने पटना में लगाया।
एक और ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है- भाजपा के अधीन कार्य कर रहे आदरणीय नीतीश कुमार जी द्वारा बिहार के श्रमवीरों के संबंध में गृहविभाग से एक चिट्ठी जारी करवाई जिसमें श्रमिक भाइयों के बारे में बेहद अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणियाँ की गयी है। इस चिट्ठी में श्रमिकों को चोर, लुटेरा, गुंडा और अपराधी कहा गया है।
इस पोस्टर के माध्यम से उन्होंने लोगों से अपील करते हुए लिखा है कि सभी न्यायप्रिय साथियों से आह्वान करता हूं कि श्रमिकों का अपमान करने वाली इस निर्दयी सरकार की ग़रीबों के प्रति घृणित सोच को गांव-गांव तक उजागर करें।
तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार सरकार ने श्रमिकों को लेकर चिट्ठी जारी की थी उस चिट्ठी में साफ तौर पर विश्वासघात है। नीतीश कुमार के दो ही काम है एक खंजर घोंपना और दूसरा किसी और के कंधो से बंदूक चलाना।