पटना,देशज न्यूज।बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए एक और राहत वाली खबर है। शिक्षा विभाग ने इसके पहले लॉकडाउन के दौरान हड़ताल अवधि का वेतन निर्गत करने का आदेश दिया था। इसके बाद अब हड़ताल के दौरान निलंबित नियोजित शिक्षकों का निलंबन वापस लेने का भी निर्णय ले लिया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने गुरुवार को अपना आदेश जारी कर दिया है।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में सरकार ने हड़ताल के दौरान शिक्षकों और पुस्तकालयध्यक्षों पर की गई आनुशासनिक कार्रवाई वापस लेने का निर्णय किया है। सरकार ने निलंबन को रद कर दिया है। इसके साथ ही एफआईआर भी वापस लेने का निर्णय लिया गया है। निलंबित नियोजित शिक्षकों के सस्पेंशन वापस करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी से की जाएगी।
तोड़फोड़ और हिंसा करने वाले शिक्षकों को लेकर सरकार बाद में निर्णय लेगी। निलंबित नियोजित शिक्षकों के संदर्भ में निलंबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्रवाई से मुक्त करने की अनुशंसा जिलों के शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से संबंधित नियोजन इकाई से की जाएगी। नियोजन इकाई से प्राप्त अनुशंसा के आलोक में आदेश निर्गत किए जाएंगे।
जिन शिक्षकों का निलंबन जिला शिक्षा पदाधिकारी अथवा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा ने किया है उनका निलंबन विभागीय समीक्षा के बाद की जाएगी। निलंबन अवधि के लिए नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान किया जाएगा व विभागीय कार्यवाही से मुक्त होने के बाद 25 मार्च, 2020 से निलंबन मुक्त होने की अवधि के लिए पूर्ण वेतन में जीवन निर्वाह भत्ता की राशि घटाकर शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।
हड़ताल की अवधि में जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई थी, उन्हें अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करनी होगा। उनकी अपील पर अपीलीय प्राधिकार समीक्षा करते हुए सेवा में वापसी के आदेश पर निर्णय लेगा। सेवा समाप्ति की तिथि एवं सेवा में वापस होने की तिथि के बीच की अवधि को सेवा में नहीं मानते हुए इस अवधि के लिए उपार्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।