राजधानी पटना के पुनाईचक में इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के तार बड़े-बड़े नेताओं, अधिकारियों और माफियाओं से जुड़े हैं।
पटना, देशज न्यूज। जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रविवार को कहा कि पीएचईडी और बिजली विभाग के ठेकों में रूपेश सिंह की संलिप्तता थी। दरभंगा में नहर का ठेका जिस कंपनी को मिला, उसमें भी रूपेश सिंह शामिल थे। इन्हीं (Rupesh, contractors, leaders, officials were involved in the contract of Nahar construction in Darbhanga.) सब कारणों से बड़े ठेकेदारों, नेताओं और अधिकारियों के इशारे पर रूपेश सिंह की हत्या करवाई गयी है।
जाप अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि इस घटना की पूरी जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश के मुखिया सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करते हुए कहा कि अगर बिहार से अपराध को ख़त्म करना है तो शराब, जमीन और बालू से धन कमाने वालों की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा कराई जाए। इन धंधों से जुड़े सभी तस्करों और माफिया को जेल भेजा जाए।
उन्होंने कहा (Rupesh, contractors, leaders, officials were involved in the contract of Nahar construction in Darbhanga.) कि बिहार में वर्तमान में जितनी भी बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उन सभी के पीछे इन्हीं लोगों का हाथ है। अपराधियों को नेताओं और सरकारी पदाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
सरकारी विभागों में प्रशासनिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि वर्ष 2018 में बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Rupesh, contractors, leaders, officials were involved in the contract of Nahar construction in Darbhanga.) की ओर से पांच ऐसी महिलाओं को विदेश प्रशिक्षण के लिए भेजा गया, जो योग्य नहीं थीं। ये सब कॉर्पोरेशन के तत्कालीन सीएमडी के इशारों पर किया गया।
उन्होंने कहा कि कटिहार में जिस आईएएस अधिकारी को डीएम बनाया गया, उनपर पहले से केंद्रीय अन्वेश्न ब्यूरो (सीबीआई) जांच चल रही थी। अब वे छुट्टी पर क्यों चले गए हैं ? उन्हें जल्द से (Rupesh, contractors, leaders, officials were involved in the contract of Nahar construction in Darbhanga.) जल्द बर्खास्त किया जाए। शराब तस्करी पर पप्पू यादव ने कहा कि शराबबंदी से पहले बिहार सरकार को छह हज़ार करोड़ का राजस्व शराब से मिलता था। अब इससे दोगुना रकम भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की जेब में जा रहा है। सरकारी तंत्र के जुड़े लोग ही सरकार की नाक के नीचे से शराब तस्करों की मदद रहे हैं।