अस्पतालों के द्वार पर वाहन में ही दम तोड़ रहे मरीज
पटना, देशज न्यूज । राजधानी पटना में कोरोना नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। शुक्रवार को एकबार फिर राजधानी पटना में कोरोना के कुल 561 नए मरीज मिले हैं। (patna-Medical system collapesed in Patna)
पटना में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 4,786 पर पहुंच गया है। इनमें कुल 2273 कोरोना के एक्टिव केस हैं। अबतक कुल 36 लोगों की मौत कोरोना के संक्रमण से सिर्फ पटना जिले में हो चुकी है। (patna-Medical system collapesed in Patna)
पटना में कभी कोरोना के 400 तो कभी 500 के करीब मरीज हर दिन मिल रहे हैं। सरकार खुद कोरोना को नियंत्रित करने में हांफ रही है। लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने वाले बिहार पुलिस के जवान भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे।
पटना के करीब 500 से अधिक पुलिस के जवान संक्रमित हो चुके हैं। कई थानों के थानेदार और दारोगा खुद होम क्वॉरेंटाइन हैं। इसके कारण पटना में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। (patna-Medical system collapesed in Patna)
हॉस्पिटल में जगह नहीं, गेट पर दम तोड़ रहे मरीज
पटना के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए जगह कम पड़ चुका है। कहीं जगह है भी तो पर्ची कटाने में तीन घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में कोरोना मरीज या संदिग्ध मरीज की मौत हॉस्पिटल के गेट पर पर्ची कटने के इंतजार में हो रही है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ। (patna-Medical system collapesed in Patna)
नालंदा से आए कोरोना संदिग्ध मरीज को पटना के किसी हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं लिया। जब वह किसी तरह एनएमसीएच पहुंचा तो सरकारी सिस्टम ने उसकी जान ले ली। गंभीर मरीज के लिए पर्ची के इंतजार में तीन घंटे लग गए और आखिरकार उसने वाहन में ही दम तोड़ दिया। इसी तरह स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के एक अधिकारी की भी पीएमसीएच में शुक्रवार को एम्बुलेंस में ही मौत गई। (patna-Medical system collapesed in Patna)
मृत बैंक कर्मी के पुत्र ने बताया कि वह ढाई घंटे तक पर्चे कटवाने में व्यस्त रहा है और एम्बुलेंस में पड़े उनके पिता की किसी ने खैरियत नहीं ली और जबतक परचा बनकर तैयार हुआ तबतक उसके पिता ने वाहन में दम तोड़ दिया। (patna-Medical system collapesed in Patna)