पटना, देशज न्यूज। भारत व चीन के बीच चल रही तनातनी और तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के बीच पड़ोसी देश नेपाल के तेवर अब ढीले पड़ने लगे हैं। भारत-नेपाल सीमा पर जिस गंडक बराज का काम नेपाल ने रुकवा दिया था, उसे मंगलवार से शुरू कर दिया गया है।
यहां बाढ़ निरोधक कार्यों की अनुमति नेपाल ने दे दी है। इससे पहले नेपाल मरम्मत करने की अनुमति बिहार सरकार को नहीं दे रहा था और उसने वहां काम रुकवा दिया था। नेपाल के अनुमति देने के बाद उसके क्षेत्र में पड़ने वाले बांध की मरम्मत काम शुरू हो गया है।
नेपाल की अनुमति नहीं देने के कारण पानी के दवाब के बाद बांध टूटने का खतरा बढ़ गया था। नेपाल जान बूझकर लॉकडाउन का हवाला देकर अपने एरिया में काम नहीं होने दे रहा थ। इसको लेकर नेपाल और बिहार के जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार संपर्क में थे। बिहार सरकार ने केंद्र को लिखा था त्राहिमाम संदेश नेपाल के नियंत्रण वाले इलाकों में बाढ़ से सुरक्षा के लिए बिहार सरकार हर साल नेपाली भाग में बाढ़ निरोधक कार्य कराती है।
इस काम पर वहां की सरकार ने रोक लगा दी थी जिससे बिहार के डूबने का खतरा बढ़ गया था। नीतीश सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार के पास सोमवार को ही त्राहिमाम संदेश भेजा था। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि राज्य सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार को इस बारे में जानकारी दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि हमारे स्थानीय इंजीनियर और डीएम संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे को समय पर सुुुलझाया नहीं जाता है, तो बिहार के प्रमुख हिस्से बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। वाल्मीकी नगर के गंडक बराज के करीब 36 गेट हैं और इनमेंं कुल 18 गेट नेपाल के क्षेत्र में हैं।