पटना, देशज न्यूज। बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण यहां एक बार फिर से लॉकडाउन लागू होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को जदयू नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग में यह एलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के जिन इलाकों में अधिक संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, वहां पर फिर से लॉकडाउन लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए उन इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारत सरकार लॉकडाउन खत्म कर रही है लेकिन राज्य सरकार संक्रमण वाले इलाकों में लॉकडाउन जारी रखेगी। बिहार के कई इलाकों में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। लिहाजा उन इलाकों में फिर से लॉकडाउन लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लगातार पांचवे दिन अपने आवास से जदयू कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल कांफ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने आज अपने गृह जिला नालंदा के पार्टी नेताओं से भी बातचीत की है।
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 5807 हो गई है। कोरोना से अबतक राज्य में कुल 34 मरीजों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर फंसे 20 लाख, 90 हजार लोगों को एक-एक हजार रुपए दिए गए हैं। तब एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर भी प्रतिबंध था। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई। फिर तय किया गया कि लोगों को वापस बिहार लाना है।
कहा, मई से मजदूरों को ट्रेन से लाने का सिलसिला शुरू हो गया। कुल 1508 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से बिहार में 21 लाख, 11 हजार प्रवासी बिहार आए हैं। जो रेड ज़ोन से आए हैं, उन्हें प्रखंड स्तर पर 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया। मैंने हर जिले के दो-दो क्वॉरेंटाइन सेंटर के लोगों से बात की। यहां से जाने के बाद भी उनको पैसे दिए गए।
3 मई से आने वाले 4 हजार प्रवासी निकले कोरोना संक्रमित
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 3 मई से बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों में बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण मिले हैं । अब तक चार हजार लोगों में कोरोना संक्रमण मिल चुका है। उनका ध्यान रखा जा रहा है। सैकड़ों लोग ठीक भी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार में कोरोना से कम मौतें हुई हैं। आधे से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं। बिहार में जो मौत हुई, वे दूसरे रोगों से पीड़ित थे। वे संक्रमित हो गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हो रहा है। इससे पूरी दुनिया प्रभावित हैं। चीन से शुरू हुआ और अमेरिका जैसा देश भी इससे प्रभावित है।
बिना मास्क के बाहर न निकलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क लगाना जरूरी है। पहले तो कहा जा रहा था कि मरीज और इलाज करने वाले लोगों को ही मास्क लगाना है, लेकिन बाद में संक्रमण रोकने के लिए सभी के लिए अनिवार्य किया गया। अगर आप मास्क नहीं लगाए हैं तो गमछा से मुंह ढंक लें। बच्चे, बुजुर्ग और 65 साल से अधिक उम्र के लोग बाहर न निकलें और सावधान रहें। बिना मास्क के बाहर नहीं निकले।
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कोरोना को लेकर बिहार सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि लॉकडाउन को लेकर बिहार में कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है। बिहार के सूचना एवं जन-संपर्क सचिव अनुपम कुमार ने गुरुवार को बताया,बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है। लॉकडाउन को लेकर कोई नया निर्णय नहीं लिया गया है। न ही कोई नया दिशा-निर्देश दिया गया है।
कुमार ने बताया कि बिहार में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से 30 मई को जारी किया गया दिशा-निर्देश यथावत लागू हैं। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन को ही राज्य सरकार ने अपनाया है। बिहार में पूरे देश की तरह केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुरुप सिर्फ केंटनमेंट जोन में ही लॉकडाउन किया गया है।
कंटेनमेंट जोन का निर्धारण उक्त जिले के डीएम करते हैं।जिले में जहां कोरोना के नए मामले सामने आते है, उसे ईपी सेंटर मानते हुए वहां की भौगोलिक स्थिति और बसावट को ध्यान में रखते हुए कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है। इसके तहत 28 दिनों तक स्थिति पर नजर रखी जाती है और 28 दिनों तक कोई नया मामला नहीं आने के बाद उसे फ्री कर दिया जाता है। इसलिए किसी भी प्रकार के भ्रम से इस वक्त बचने की जरुरत है। राज्य में 30 मई को केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वह दिशा-निर्देश यथावत है।