परीक्षा के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग गठित करेगा कमेटी, नियोजित शिक्षक भी इस परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक लाकर पा सकते हैं प्रोन्नति का लाभ
पटना, देशज न्यूज। प्रदेश के 28,500 मध्य विद्यालयों, आठ हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के खाली पद लिखित परीक्षा के आधार पर भरे जाएंगे। वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में करीब 24 हजार प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं जो वरीय शिक्षकों के प्रभार में हैं।
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने परीक्षा आयोजन को लेकर एक कमेटी बनायी है जो एक माह में परीक्षा व्यवस्था के स्वरूप को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।
प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उस पर विभाग के स्तर से नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। प्रधानाध्यापकों के पदों को स्थायी रूप से भरने के लिए लिखित परीक्षा जरूरी है। यह परीक्षा नये साल में ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि आठ साल या इससे ज्यादा की सेवा पूरी कर चुके नियोजित शिक्षकों को लिखित परीक्षा में सफल होने पर ही वरीयता क्रम में उन्हें प्रोन्नति मिलेगी। इनमें से जो बेहतर प्राप्तांक हासिल करेंगे उन्हें प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दी जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट आने पर लिखित परीक्षा के आयोजन का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
75 प्रतिशत अंक पर मिलेगी प्रोन्नति
शिक्षा विभाग की कमेटी में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक लिखित परीक्षा में 75 फीसद या उससे ज्यादा अंक लाने पर नियोजित शिक्षकों को प्रोन्नति देने का प्रावधान किया जा रहा है।
इससे कम अंक लाने वाले शिक्षकों के लिए दोबारा परीक्षा में बैठने का प्रावधान भी हो रहा है क्योंकि सरकार अब सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रभावी तरीके से लागू करने से किसी समझौता के मूड में नहीं है।
प्रदेश के 28,500 मध्य विद्यालयों और आठ हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के खाली पद लिखित परीक्षा के आधार पर भरे जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में करीब 24 हजार प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं जो वरीय शिक्षकों के प्रभार में हैं।