22 फीसद वेतन वृद्धि के साथ स्थानांतरण, अनुकम्पा आधारित नौकरी और प्रोन्नति का मिलेगा लाभ, राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कुल 28 फैसले
पटना, देशज न्यूज। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खजाना खोल दिया है। नीतीश सरकार ने कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट का सामना करने के बावजूद नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसद का इजाफा किया है। कैबिनेट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
कोरोना काल में नीतीश सरकार ने राज्य मंत्रिमंडल की इस अहम बैठक (Bihar Cabinate Meeting) में कई बड़े फैसले लिए हैं। बिहार मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुल 28 प्रस्तावों पर मुहर लगई गई है। नियोजित शिक्षकों के लिए सेवाशर्त नियमावली का इंतजार लंबे वक्त से हो रहा था।
यह पहले से तय माना जा रहा था कि कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इस एजेंडे पर मुहर लग जाएगी। सरकार कोरोना काल के बाद ही इसका लाभ नियोजित शिक्षकों को देगी। एक अप्रैल, 2021 से नियोजित शिक्षकों को (Bihar Cabinate Meeting) बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। इस फैसले के बाद सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। फिलहाल 820 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
इस नियमावली पर मुहर लगाने के साथ सातवीं वेतन वृद्धि का भी फैसला किया गया है। राज्य के नियोजित शिक्षक लंबे वक्त से सेवा शर्त और वेतनमान की मांग करते रहे हैं। हालांकि नीतीश सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह किसी भी कीमत पर नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ नहीं देगी लेकिन नियोजित शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ देने का फैसला किया है।
इस सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद अब नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का लाभ मिल पायेगा। बिहार में साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षक लंबे समय से सेवाशर्त लागू किए (Bihar Cabinate Meeting) जाने की मांग करते रहे हैं।
नियोजित शिक्षकों के लिए लागू सेवाशर्त नियमावली में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिए जाने साथ ही प्रमोशन के लिए परीक्षा के आयोजन सहित अन्य कई बिंदुओं की चर्चा की गई है। हालांकि शिक्षकों को फिलहाल (Bihar Cabinate Meeting) बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिलेगा।