पटना, देशज न्यूज। किसान आंदोलन के समर्थन के लिए तेजश्वी यादव (Tejaswi Yadav) के नेतृत्व में गांधी मैदान (Patna Gandhi Maidan) में आज महागठबंधन के नेता धरने पर बैठे। गांधी मैदान के गेट नंबर चार के बाहर राजद कार्यकर्ता हाथों के कृषि कानून के विरोध में हाथों में तख्तियां लेकर जुट गए हैं। मगर, ऐन वक्त पर नीतीश सरकार ने धरने पर रोक लगा दी है।
जिला प्रशासन की ओर से मैदान के अंदर रहे लोगों को निकाल कर उसे सील कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से साफ तौर पर कह दिया गया है कि गांधी मैदान धरनास्थल नहीं है इसलिए यह कार्रवाई की गई है. प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने और गांधी मैदान को सील किए जाने के बावजूद बाहर ही चार नंबर गेट पर कई नेता धरने पर बैठ गए हैं।
इस बीच धीरे-धीरे सभी महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस व वाम दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के पहुचने का सिलसिला शुरू हो गया है. जिला प्रशासन के लोग भी मौके पर मौजूद हैं और नेताओं को आगाह कर रहे हैं कि यह धरनास्थल नहीं है और पूर्व अनुमति नहीं ली गई है. इसलिए धरने को खत्म करें, लेकिन नेता हटने को तैयार नहीं हैं। गांधी मैदान को पूरी तरीके से सील कर दिया गया है और वहां पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। गांधी मैदान के अंदर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है, जो मॉर्निंग वॉकर आज पहुंचे थे उन्हें भी आप गांधी मैदान से बाहर निकाल दिया गया।
तेजस्वी यादव ने आरोप जड़ा कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं। केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी। उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को भी प्राइवेट कंपनियों को देने की साजिश रच दी है।
राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने कहा है कि किसान आंदोलन आज मोदी सरकार के समक्ष गंभीर चुनौती बना हुआ है। संयोग है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार में हैं, लेकिन इस संदर्भ में अभी तक उनकी राय देश के सामने नहीं आई है। उनकी राय देश जानना चाहता है।