अप्रैल,26,2024
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दियारा में प्रवासी पक्षियो के अध्ययन के लिए बीएनएचएस चला रहा पक्षियों के पैरों में छल्ला पहनाने का अभियान

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भागलपुर। पुलिस जिला नवगछिया का दियारा क्षेत्र इन दिनों प्रवासी पक्षियों का शरणस्थली बना हुआ है। जाड़े के मौसम में ठंडे प्रदेशों में रहने वाले पक्षी भोजन की तलाश में नवगछिया के दियरा क्षेत्र को अपना Migrant bird in bhagalpur प्रवास स्थल बना लेते हैं। जाड़े के मौसम में ठंडे प्रदेशों में झील और तालाब बर्फ से ढक जाते हैं।

ऐसे में ये प्रवासी पक्षी भोजन के तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं। नवगछिया के खरीक प्रखंड स्थित जगतपुर झील इन दिनों प्रवासी और स्थानीय पक्षियों से भरा पड़ा है। यहां प्रवासी के ज्ञात पक्षियों की संख्या 153 बताई जा रही है। फिलवक्त इस झील में 3000 प्रवासी और 1000 स्थानीय पक्षी शरण लिए हुए हैं। प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से लालसर, नॉर्दन पिंटेल, नॉर्दन शोभलर, गढ़वाल, यूरेशियन कूट, गार्गेनी कॉटन, पिगनीगूज, कॉमन पोचार्ड और यूरेशियन विजॉन आदि पक्षी शामिल हैं।Migrant bird in bhagalpur जबकि स्थानीय पक्षियों में ओरिएंटल डार्टर, छोटा और बड़ा पनकौआ लेसर विसलिंग डक, फेलूवलक विसलिंग डक, पर्पल हेरोन, ग्रे हेरोन, ग्रे हेडेड स्वाम्प हेन, वाइट ब्रेस्टेड हेन, स्प्रे (बाज प्रजाति का शिकारी पक्षी) ब्रोंज विंड जकाना आदि शामिल हैं।

 जगतपुर का यह झील लगभग 20 एकड़ में फैला हुआ है। यह पक्षी विहार वन विभाग के देखरेख में संचालित किया जा रहा है। जगतपुर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों के अध्ययन के लिए बीएनएचएस की ओर से पक्षियों के पैरों में छल्ला पहनाने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जगतपुर झील में रहने वाले पक्षियों को देखने के लिए रोजाना लोग यहां आ रहे हैं। इसके अलावा पक्षी और पर्यावरण प्रेमी के लिए यह स्थल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
वेटलैंड मित्र और पक्षी विशेषज्ञ दीपक कुमार बताते हैं कि जगतपुर झील में अक्टूबर-नवंबर से प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। मार्च के बाद पक्षी यहां से जाना शुरु कर देते हैं। चीन, साइबेरिया, यूरोप और एशिया के कई देशों से पक्षी यहां आते हैं। यह सभी पक्षी भोजन और वातावरण की तलाश में यहां आते हैं। सबसे बड़ी बात प्रवासी पक्षी शाकाहारी होते हैं। इनका भोजन जलीय पौधा और वनस्पति होता है।
उन्होंने पक्षियों के अवैध शिकार पर चिंता जताते हुए कहा कि पक्षियों के अवैध शिकार के कारण कई पक्षियों विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जिसमें प्रमुख रुप से बड़ा गरुड़ शामिल है। पक्षी विशेषज्ञ अरविंद मिश्रा के देखरेख में बड़ा गरुड़ के संरक्षण का काम भागलपुर जिले के कदवा में चल रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि अभी क्षेत्र में Migrant bird in bhagalpurबड़े गरुड़ की संख्या 700 है। इसके अलावा कंबोडिया और असम में भी बड़ा गरुड़ के संरक्षण का काम चल रहा है।
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