लदनियां रिपोर्टर, देशज टाइम्स/मधुबनी ब्यूरो। आजादी के 70 वर्षो से अधिक समय गुजरने के बाद भी पद्मा गांव स्थित राजा पद्म सिंह डीह को पद्मा छपकी पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा जा सका। जबकि उक्त सड़क मंसूरी मुहल्ले होते हुए इंडो नेपाल सीमा को जोडती है। जिससे ग्रामीणों में भारी असन्तोष है।
ग्रामीणों का कहना है कि सूबे में विभिन्न योजनाओं से सड़कों की जाल बिछाई जा रही है। ग्रामीण सड़कों को पक्कीकरण कर मुख्य सड़क से जोड़ी जा रही है। जबकि पद्मा गांव में पीडब्ल्यूडी सड़क से मंसूरी मुहल्ले, ऐतिहासिक स्थल राजा पद्म सिंह होते हुए भारत नेपाल को जोड़ने वाली सड़क को पक्कीकरण करवाने के प्रति सांसद,विधायक,प्रशासन एवं पंचायत प्रतिनिधि गम्भीर नहीं है। सनद हो उक्त सड़क की लम्बाई करीब दो किलोमीटर है। जो मंसूरी मुहल्ला,राजा पदम् सिंह के डीह होते हुए भारत नेपाल सीमा को जोड़ती है। ग्रामीण कार्य विभाग या विधायक सांसद कोष से उक्त सड़क की निर्माण करवाने की बात दूर है।
साधारण बारिश में ही मंसूरी मुहल्ले में सड़क पर कीचड़ होने से लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। सीमा क्षेत्र विकास योजना मद से सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों का निर्माण प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री टोला सम्पर्क योजना मद से टोला के सड़क को निर्माण कर मुख्य सड़क से जोड़ना है।
बिडंबना है कि प्रतिनिधि या प्रशासन इस सड़क को निर्माण करवाने के लिए अभिरुचि नहीं लेते है। जबकि ऐतिहासिक स्थल राजा पद्म सिंह के धरहरबाडीह को उद्धार के लिए स्थानीय लोगों द्वारा मांग उठते रहे हैं। उक्त सड़क निर्माण के लिए सीमा क्षेत्र विकास योजना मद से प्रस्ताव पूर्व में ही भेजा जा चुका है। बिडंबना है कि सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण सड़क निर्माण नहीं हो सका है। स्थानीय समाजसेवी मो. हमजा एवं मो.फिरोज ने बताया कि इस सड़क को पक्कीकरण करबाने के प्रति नहीं जनप्रतिनिधि सकारात्मक कदम उठा रहे हैं।