पैक्स अध्यक्षों में नाराजगी
मधुबनी, देशज टाइम्स् ब्यूरो। धान अधिप्राप्ति की राह में कई मुश्किलें हैं। विभाग की नीति स्पष्ट न होने और बाजार के अनुकूल नहीं होने के कारण लगातार बाधाएं उत्पन्न हो रही है। इसका असर है कि कार्य काफी धीमी है या फिर इसकी प्रक्रिया में कई अनियमितताएं उत्पन्न हो जाती है। ऐसा ही एक मामला मिलिंग से जुड़ा है।
अधिप्राप्ति करने वाली एजेंसी पैक्स और व्यापार मंडल को प्रति क्विंटल केवल दस रुपये का भुगतान मिलता है। बाजार में यह मिलिंग न्यूनतम 100 रुपये में होता है। इसका अर्थ है कि अधिप्राप्ति करने वाली एजेंसी को 90 रुपये अपनी ओर से भुगतान करना होता है। जो विभिन्न अनियमितताओं को उत्पन्न करता है।
चर्चा है कि इसकी भरपायी के लिए एजेंसी द्वारा किसानों से धान की बड़े पैमाने पर कटौती की जाती है। या फिर वजन कम कर दिये जाते हैं।
यह मुद्दा जिले भर से आए पैक्सों के प्रशिक्षण कार्यशाला में भी उठता रहा है। सवाल राजनीतिक गलियारों में नहीं उठाये जाने से पैक्सों में इसे लेकर गहरी नाराजगी है।
निदेशक मंडल सदस्य रामानंद झा,रमेश पासवान, देव कुमार यादव,पूनम देवी ने इसे गंभीर मुद्दा बताया है। वहीं अध्यक्ष संजय झा,प्रमोद कुमार राउत,सोने लाल,पवन झा आदि ने बताया कि विभाग की नीति के कारण ही धान अधिप्राप्ति का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है।