मई,2,2024
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मंत्री कपिलदेव कामत का निधन : कांग्रस से किया राजनीति की शुआत,जदयू में ली अंतिम सांस

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लदनियां, देशज टाइम्स मधुबनी ब्यूरो। बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र के विधायक व पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का निधन गुरुवार का रात इलाज के दौरान पटना स्थित एम्स में हो गया। बताया जा है कि वे कोरोना से संक्रमित थे। मंत्री कपिलदेव कामत 69 के थे। लदनियां प्रखंड के मोतनाजे गांव में जन्म लिए पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत के निधन की खबर सुनते क्षेत्र में शोक की लहर दौर गई।

मंत्री कपिलदेव कामत अपना राजनीतिक की शुआत 1977 ई से किया था। उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व विधायक पं. स्व. महेन्द्र नारायण झा के सानिध्य में रहकर कांग्रेस पार्टी से सक्रिय राजनीति पारी शुरू किया। पूर्व विधायक महेंद्र बाबू मंत्री जी को मुनि जी कहकर पुकारते थे।

1979 में वे राजनीतिक आंदोलन में 20 दिनों तक भागलपुर जेल में बन्द रहे। 1985 में विधानसभा चुनाव में बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के गुणनन्द झा एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. देवनारायण यादव के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रुप भाग्य अजमाया। जिसमें हार का मुंह देखना पड़ा। 2001 में वे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लदनियां प्रखंड पंचायत समिति सदस्य चुने गये। प्रखंड प्रमुख पद के चुनाव में राजद के भोगेन्द्र यादव से आमने सामने के टक्कर में तीन मतों से पराजित हुए। प्रमुख पद पर हार जीत फैसले को लेकर मारपीट की घटना में पद्मा चोक पर गोली चली थी।

लदनियां थाना अलग अलग हुई केस में वे आरोपित बने। 2005 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र की कृपा से जदयू का चुनाव चिन्ह मिला। चुनाव चिन्ह मिलते ही पुलिस पूर्व मामले में बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से नामांकन के बाद लदनियां थाना पुलिस गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत मधुबनी भेज दिया। वे उक्त मामले में मधुबनी मंडल कारा में 10 दिनों तक बन्द रहे। 2005 में जदयू के चुनाव चिन्ह पर फरवरी माह में बाबूबरही विधानसभा चुनाव लड़े। वे राजद के निर्वतमान विधायक प्रो. उमा कांत यादव से चुनाव हार गये।

2005 के नवम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद विधायक प्रो.उमा कांत यादव को पराजित कर पहलीबार विधानसभा पहुंचा। उन्हें 2010 के विधानसभा चुनाव में प्रो.उमा कांत यादव से हार का मुंह देखना पड़ा। 2015 में उन्होंने फिर जदयू प्रत्याशी के रूप में बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक पद के लिए भाग्य अजमाया। लोजपा प्रत्याशी पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे।

उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट में मंत्री बनाकर पंचायती राज विभाग संभालने का जिम्मेदारी दिया। उन्होंने अपने मंत्री काल में सड़क, पुल, पुलिया, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य का प्राथमिकता दिया। उन्होंने 18 सितंबर को सिधपकला चोक के पास साढ़े 26 करोड़ के लागत से निर्माण होने वाले विभिन्न गांव के सड़कों का शिलान्यास एवं कार्य आरंभ किया। आधा दर्जन योजनाओं का उद्घाटन किया।

उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कृपा से इस पंच वर्षीय में डेढ़ अरब से अधिक के लागत से सड़क एवं पुल पुलिया निर्माण करवाया। धर्मवन योगा टोल एवं एकहरी के बीच साढ़े तीन करोड़ के लागत से पुल निर्माण होगा। योजना टेंडर में है। साथ ही कविलाशा-मोहनपुर के बीच सोनी नदी पर साढ़े तीन करोड़ के लागत से पुल निर्माण होगा।

प्रक्रिया टेंडर में है। अगर ये दोनों पुल निर्माण हो जाता है तो इसके बाद बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में कोई सड़क या पुल निर्माण कार्य नहीं रह जायेगा। कौन जानता था कि मंत्री कपिलदेव कामत का अपने गृह प्रखण्ड एवं विधानसभा क्षेत्र का अंतिम दौड़ा है।

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