- मधुबनी में टिड्डी :
- खास बातें
- रेगिस्तानी टिड्डी के मधुबनी पहुंचने की संभावना
- प्रशासन चौकस, डीएम ने की पदाधिकारियों के साथ की आवश्यक बैठक
- जिले से लेकर पंचायत स्तर के कर्मियों को आवश्यक निर्देश
- जिले से लेकर प्रखंड व पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम गठित
- पंचायत स्तर पर टिड्डी ग्राम रक्षादल का गठन
मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। रेगिस्तानी टिड्डी दल राजस्थान, मध्यप्रदेश व उतर प्रदेश में फसलों पर आक्रमण करने के पश्चात बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों यथा-रोहतास, बक्सर, सिवान, गोपालगंज,पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण जिलों में इनके प्रकोप देखने को मिल रहा है। सम्भावना है कि रेगिस्तानी टिड्डी दल का आक्रमण उतरी बिहार के जिलों के साथ-साथ मधुबनी जिला में भी हो सकता है।
रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप को रोकने के लिए मधुबनी में जिला स्तरीय टिड्डी दल की बैठक जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता की गई। इसमें सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं पंचायत स्तर के कर्मियों को आवश्यक तैयारी करने के लिए निर्देश दिया गया है।
साथ ही जिला से लेकर प्रखंड व पंचायत स्तर पर कंट्रोल रूम गठन किया गया है। ग्राम स्तर पर टिड्डी ग्राम रक्षादल का भी गठन किया गया है। रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोक-थाम के लिए प्रखंड स्तर पर भी सभी सदस्यों के साथ बैठक की गई है।
जिला कृषि पदाधिकारी व सहायक निदेशक,पौधा संरक्षण, मधुबनी की ओर से लगातार रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोक-थाम की समीक्षा जा रही है तथा प्रखंड, पंचायत स्तर गठित कन्ट्रोल रूम व ग्राम स्तर पर टिड्डी ग्राम रक्षादल के माध्यम से इस प्रकोप को रोकने के लिए प्रचार-प्रसार व आवश्यक सभी तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
जिला कृषि पदाधिकारी व सहायक निदेशक,पौधा संरक्षण, मधुबनी की ओर से सभी किसान भाइयों से अनुरोध है, जहां भी रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप देखा जाय तो अविलंव जिला, प्रखण्ड ,पंचायत स्तर पर गठित कन्ट्रोल रूम को सूचना देंगे। ताकि प्रकोप रोकने का अथक प्रयास किया जा सके। जिला स्तर पर गठित कन्ट्रोल रूम का सम्पर्क सूत्र-8825236867-9471229027-9430515128 है।
टिड्डी फसल को कैस बचाएं
रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के रोकथाम के लिए सभी संबंधित को सूचित किया जाता है, रेगिस्तानी टिड्डी दल के प्रकोप के बचाव के लिए टीन का डब्बा, ढोल,नगारा,डीजे,थाली बजाने से भी उनके प्रकोप को कम किया जा सकता है। निम्मनिखित अनुशंसित कीटनाशियों का छिड़काव रात्रि के 11ः00 बजे से सुबह सूर्योदय तक किया जा सकता है।
लैम्बडासायहेलोथ्रीन 5ः ईसी की 1.0 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में। क्लोरपाययरीफाॅस 20ः ईसी की 2.5 से 3.0 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में। फिपरोनिल 5ः ईसी की 1.0 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में। डेल्टामेंथ्रीन 2.8ः ईसी की 1.0 से 1.5 मि0ली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। उपरोक्त कीटनाशी के छिड़काव के लिए जिला अग्निशामन मधुबनी की गाड़ियों के माध्यम छिड़काव किया जाना है,जिसके लिए गाड़ियाॅ तैयार किया गया है।