मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निर्धारित मामले में मार्गदर्शन मांगने को गंभीरता से लिया है। इस कार्रवाई को अनावश्यक विलंब की कार्यसंस्कृति मानते हुए प्रतिवेदन देने को कहा है।
सेवानिवृत्त बीइओ उमेश बैठा को सेवांत लाभ देने और अन्य सुविधाएं दिये जाने को लेकर उच्च न्यायालय में दर्ज मामला को लेकर यह हालत उत्पन्न हुई है। उच्च न्यायालय में विभाग द्वारा प्रतिशपथ पत्र दायर नहीं किये जाने पर प्रतिकूल कार्रवाई की आशंका से विभाग के वरीय अधिकारी सहमे हुए है।
इस हालत में निदेशक ने मधुबनी डीपीओ स्थापना व डीइओ को जिम्मेवार बताया है। दरअसल में सेवानिवृत बीईओ की ओर से दायर वाद का मामला जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की परेशानी को लगातार बढ़ा रहा है।
जानकारी के अनुसार, इसी मामले में सात अक्टूबर को दरभंगा के आरडीडी ने डीईओ पर प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई के लिए निदेशक को भेज दिया है। अब इस मामले में निदेशक प्राथमिक शिक्षा डा. रणजीत कुमार सिंह ने डीईओ नसीम अहमद को कई जरूरी निर्देश दिया है।
मामले में बरती गयी लापरवाही के आलोक में प्रतिवेदन 27 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने को कहा है। ससमय या पूर्ण तथ्यों का प्रतिशपथ पत्र दायर नहीं किए जाने के कारण विभाग के वरीय पदाधिकारी के समक्ष होने वाले प्रतिकूल परिस्थिति की पूरी जिम्मेवारी डीईओ की होगी एवं डीईओ के विरूद्ध विभागी कार्रवाई की बाध्यता होगी।