जयनगर, देशज टाइम्स मधुबनी ब्यूरो। आखिरकार लंबे समय के बाद भारत नेपाल के रिश्तें एक बार फिर पटरी पर आने लगी है। लंबे अंतराल के बाद इसी वर्ष दिसंबर माह में विवाद पंचमी के अवसर पर जयनगर जनकपुर रेल खंड पर ट्रेन परिचालन की उम्मीद जगी है। बुधवार की देर शाम कस्टम विभाग पटना के कमिश्नर रंजीत कुमार,डिप्टी कमिश्नर सुनील कुमार गौतम, एसएसबी 48 वीं बटालियन मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के डीआईजी के रंजीत, नेपाल वजीरगंज स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूत कोटरा स्वामी ने सीमावर्ती जयनगर नेपाली रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया।
इस दौरान एसएसबी 48 वीं बटालियन जयनगर के समादेष्टा शंकर सिंह,कस्टम अधीक्षक मनोज कुमार व सुबोध कुमार के अलावे इरकाॅन इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंधक रवि सहाय समेत अन्य मौजूद थे। नेपाली रेलवे स्टेशन पर कस्टम विभाग द्वारा बनाए गए चेकिंग प्वाइंट का जायजा लेने के बाद रेलवे स्टेशन स्थित नव निर्मित रेस्ट हाउस में निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।
कस्टम कमिश्नर रंजीत कुमार ने बताया कि नेपाल रेल को जल्द से जल्द चालू करने के लिए उत्पन्न हो रही समस्याओं को अविलंब दूर करने को लेकर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि समय निर्धारित नहीं। लेकिन बहुत जल्द ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा ।वैसे यह भारत सरकार का मामला है। इसी लिए ट्रेन परिचालन को लेकर पूर्व की तैयारी का जायजा लिया गया है। कस्टम की ओर से प्लेटफार्म पर क्या क्या तैयारी की गई है।
रेल यात्री किस माध्यम से आवागमन करेगें। कस्टम द्वारा एनओसी कैसे दी जाएगी। इन सभी बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया गया। बतादें कि भारत नेपाल दोनों देशों के बीच वर्षों से कायम बेटी रोटी के रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाने को लेकर भारत सरकार ने जयनगर जनकपुर रेल खंड पर ब्रिटिश शासन काल से परिचालन हो रहे नैरो गेज ट्रेन को ब्राड गेज में परिवर्तन के लिए भारत सरकार के तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने नेपाल सरकार के बीच वर्ष 2010 में एक संधि पर सहमति मिली।
भारत सरकार ने 69 किलोमीटर जयनगर जनकपुर बर्दीबांस रेल खंड पर तीन चरणों में बङी रेल लाइन निर्माण कार्य के लिए इरकाॅन इंटरनेशनल लिमिटेड कंपनी को लगभग 548 करोड़ रुपये से (अब लगभग 800 सौ करोड़) निर्माण कार्य का जिम्मा सौंपते हुए। नैरो गेज ट्रेन को वर्ष 2011 में मेगा ब्लॉक लिया गया।
इसमें प्रथम चरण में जयनगर जनकपुर कुर्था 34 किलोमीटर एवं दूसरे चरण 17 किलोमीटर में कुर्था से बिजलपुरा एवं तीसरे चरण में 17 किलोमीटर बिजलपुरा से बर्दीबांस तक निर्माण कार्य वर्ष 2014 में संपन्न करना था। लेकिन नेपाल में कई तरह के आंदोलन व जमीन अधिग्रहण में विभिन्न प्रकार के समस्या के कारण ट्रेन परिचालन में काफी विलंब हुआ।
सब कुछ तैयार होने के बाद ट्रेन परिचालन में विलंब का मुख्य कारण भारत नेपाल सरकार के रिश्ते पेटरी पर चली गई। परंतु एक बार पुनःदोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने लगी है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आएगी। इधर भारत सरकार द्वारा विगत सितंबर माह में नेपाल सरकार द्वारा लगभग 63 करोड़ रुपए में खरीदी गई एक जोड़ी ट्रेन को नेपाल सरकार को सौंपा गया है।
इरकाॅन इंटरनेशनल लिमिटेड के सूत्रों की मानें तो जयनगर जनकपुर कुर्था रेल खंड पर सभी निर्माण कार्य को नेपाल सरकार को सौंपने का आदेश दिया गया है। जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जयनगर जनकपुर रेल खंड पर बहुत जल्द डीएमयू पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा।
जयनगर जयनगर रेलवे स्टेशन पर जयनगर,ईनरवा,खुजरी,बैदही,कुर्था को स्टेशन बनाया गया है। जबकि महिनाथपुर,परवा एवं जनकपुर को हाॅल्ट बनाया गया है।