DESHAJEXCLUSIVE मधुबनी,देशज टाइम्स ब्यूरो। लोहिया व जेपी को अपना आदर्श बताने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बुधवार को मधुबनी के जयनगर का दौरा हुआ। यहां अमरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भारत दौरा याद आ गया, जानिए वजह…
जिस तरह से अमरिकी राष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ था उस दौरान झोपड़ी को छुपाने के लिए दिवार दी गई थी। उसी तरह बुधवार को सीएम नीतीश कुमार के जयनगर आगवन को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से तटबंध किनारे झोपड़ी में रह रहे गरीब लोगों की झोपड़ियों को छुपाने के लिए सफेद कपड़ों से घेर दिया गया था, ताकि सीएम को मालूम नही हो कि झोपड़ी इन क्षेत्र में है।
पिछले वर्ष आयी बाढ़ में प्रभावित लोगों की ध्वस्त झोपड़ी को हटाकर मकान नही बनाया जा सका है। इसकी सच्चाई आम न हो जाए। उस रास्ते से सीएम नीतीश कुमार निकल पड़े। परंतु उन्हे झोपड़ी नही दिखाई दी।
सीएम ध्वस्त तटबंध मरम्मत कार्य का जायजा लेने के बाद पटना के लिए निकल पड़े। सीएम नीतीश कुमार के जाने के बाद जयनगर क्षेत्र में झोपड़ी की सच्चाई छुपाने की चर्चा चौक-चौराहों पर हो रही है। हर कोई कह रहा है, लोहिया व जेपी को अपना आदर्श बताने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब गरीबों से दूर होते जा रहे हैं।
जेपी सेनानी हनुमान प्रसाद राउत ने कहा, नीतीश कुमार पहले वाले नहीं हैं। एक जमाना था जेपी आंदोलन में हम लोग लाठियां खाई थी। परंतु नीतीश कुमार के राज में अब गरीबों की आवाज दबने लगी है।
बिहार की राज्य सरकार में अफरशाही का बोलबाला हो गया है। यही कारण है, एक वर्ष बीत जाने के बाद भी जयनगर क्षेत्र में आयी भयावह बाढ़ से प्रभावित गरीब परिवार को मुआवजा नही मिल पाया है। जबकि सीएम के आने की खबर से बाढ़ प्रभावित लोगों में आस जगी थी कि अब हम लोगों को न्याय मिलेगा।
मुआवजा के साथ-साथ घर बनवाने का आदेष सीएम स्थानीय प्रषासन को देंगे। परंतु ऐसा नही हुआ। मानसुन आ गया है तथा गरीब परिवार को फिर बाढ़ का डर सताने लगा है। लोग टूटे झोपड़ी में रहने के लिए विवश हैं।