मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो । बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली धौंस नदी का पानी घटने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों के घरों से अभी तक पानी नहीं निकला है। इससे लोगों का जीवन पटरी पर नहीं आ सका है। लोग अपने घर से दूर ऊंचे स्थल व सड़क पर शरण लिए हुए हैं।
बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के जगवन पूर्वी पंचायत के चैदह वार्ड वाली पंचायत अभी भी बीस दिनों से पानी से घिरा हुआ है। पंचायत के मनिरावाद,दमला घाट,बलभिन्डा,चमलियाटोल,मंडल टोला,कटैया,जगवन,रथौस घाट,छोरहिया,बरदाहा पूर्णता बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। सबसे खराब हालत दामला घाट,चमलियाटोल,छोरहिया का है।
यहां महादलित समाज के लोग अधिक निवास करते हैं। इनके आने जाने के रास्ता बंद होने के साथ घर में पानी लगा हुआ है। बैगरा से बरदाहा,बरदाहा से कमतौल,मनिरावाद से दमला सड़क अभी भी अवरुद्ध है। पंचायत के चारों तरफ से प्रखंड,अनुमंडल से लेकर जिला मुख्यालय जाने वाली सड़कों का संपर्क अभी भी भंग है। लोगों को घर में अनाज समाप्त हो गया खाने-पीने मवेशियों की चारा दवा की किल्लत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिस्फी प्रखंड प्रशासन की ओर से राहत के नाम पर कुछ नहीं की गई है। लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं। तेज बहाव से एक युवक की मौत भी इस पंचायत में हो चुकी हैं। पानी के कारण खाद्य सुरक्षा योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब योजना से मिलने वाली खाद्यान्न भी लोग नहीं ले रहे हैं। वही विक्रेता भी सड़क भंग होने के कारण वितरण करने से परहेज कर रहे हैं। लोग एक शाम खाकर ही रह रहे हैं। पंचायत के मुखिया शाहनाज बेगम एवं मुखिया पति मो सालेहिन ने बताया कि पंचायत के लोग भूखे सोने को विवश हैं। प्रशासन की ओर से एक टूटा फूटा नाव मनिरावाद में दिया है। जो कभी भी बड़े हादसे का शिकार हो सकता है। बिस्फी प्रखंड प्रशासन की ओर से सर्वे कर लिया गया। परंतु दस दिन बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की राहत बाढ़ पीड़ितों को नहीं दी गई है। जिससे बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोशित हैं। बाढ़ पीड़ित परिवार को एक पन्नी भी अभी तक नसीब नहीं है। जिस कारण बाढ़ पीड़ित कड़े धूप में बाल बच्चों व मवेशी के साथ रहने को विवश हैं।