जयनगर, रिपोर्टर, देशज टाइम्स/मधुबनी ब्यूरो। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने जनहित में कई तरह के अभियान चला कर लोगों को जागरूक करने का काम किया। इस महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना रात दिन अपने कार्यों को निष्ठा पूर्वक निभाने वाले कर्मियों के सुरक्षा पर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है।
एक महीनें के अंतराल में देश भर में कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप पर सरकार भी इन दिनों गंभीरता दिखा रही है। फिलहाल कोरोना काल में भारत-नेपाल bharat nepal अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग देश के विभिन्न शहरों के लिए विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से यात्रा करतें हैं।
इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को रेलकर्मी की ओर से यात्रा से पूर्व थर्मल स्केनिंग जांच यात्रा प्रक्रिया पूरी होने के बाद यात्रा की स्वीकृति दी जाती है।
रेलवे सूत्रों कि मानें तो कोविड 19 के दौरान देश भर में रेलवे की ओर से विभिन्न राज्यों में स्पेशल ट्रेन परिचालन की स्वीकृति दी गई। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से यात्रा करने वाले यात्रियों के bharat nepal सामानों को सेनेटाइज करने के बाद यात्रियों का थर्मल स्केनिंग जांच की जाती थी। परंतु अब यह व्यवस्था समय के साथ परिवर्तन हो गई है।
पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर मंडल के भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जयनगर रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन देश के विभिन्न शहरों के लिए दर्जनों ट्रेनों का परिचालन होता है।
इसमें जयनगर से सियालदह गंगा सागर एक्सप्रेस,जयनगर से नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस,जयनगर से अमृतसर शहीद व सरयू यमुना एक्सप्रेस,जयनगर से पूरी, जयनगर से रांची के अलावे राजेन्द्र नगर पटना,लोकमान्य तिलक टर्मिनल एवं गुजरात के उदना के लिए दर्जनों स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को मात्र रेल कर्मीयों के माध्यम से थर्मल स्केनिंग जांच की जाती है।
एक रेल कर्मी ने बताया कि bharat nepal जिन रेल यात्रियों को 36 से अधिक प्वाइंट रहने पर यात्रा करने से मना करने की सलाह दी जाती हैं। जबकि अब तक ऐसा मामला सामने नहीं आया है।