अप्रैल,19,2024
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बेनीपट्टी पीएचसी में सात वर्ष से महिला चिकित्सक नहीं, किराए के मकान में रहते हाकिम-कर्मी

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बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। स्वास्थ्य विभाग में मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण स्वास्थ्य कर्मियों की परेशानी बढ़ रही है। बेनीपट्टी अनुमंडल में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मियों तो दूर चिकित्सकों के रात्रि-विश्राम के लिए भी एक कमरा का निर्माण नहीं हुआ है।

 

भवन के अभाव में स्वास्थ्य कर्मी मुख्यालय में किराये के मकान अथवा मधुबनी से आवाजाही करते है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग की रोजमर्रा का कार्य प्रभावित हो रहा है। हैरत है कि चिकित्सा पदाधिकारी के लिए भी भवन का निर्माण वर्षों से अब तक नहीं कराया गया है। सूत्रों की माने तो भवन के अभाव के कारण अधिकांश चिकित्सक ओपीडी कर बेनीपट्टी से चले जाते है।

विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता होने पर पीएचसी में परेशानी हो जाती है। पीएचसी परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सकों के आवासीय भवन निर्माण की मांग कई बार स्वास्थ्य कर्मियों एवं रोगी कल्याण समिति के सदस्यों के द्वारा विभिन्न स्तरों पर उठाई जा चुकी है। बावजूद अब तक एक भी कर्मी के लिए भवन का निर्माण नहंी हो पाया है।

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अलबत्ता, इन वर्षों में पूर्व में निर्मित विभिन्न भवन जमींदोज होने के कगार पर पहुंच चुका है। गौरतलब है कि बेनीपट्टी में अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण की बात कई बार विभिन्न राजनीतिक दलों के द्वारा किये जाने के बाद भी अब तक अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण की पहल नहीं की जा सकी है।

अनुमंडलीय अस्पताल के निर्माण की घोषणा कई बार की जा चुकी है। ऐसे में न तो अनुमंडल अस्पताल का निर्माण हो रहा है ओर न ही एकमात्र पीएचसी को संसाधन से लैस किया जा रहा है। जिसका खामियाजा कार्यरत चिकित्सक व पीएचसी पहुंचने वाले रोगियों को भुगतना पड़ रहा है।

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सात वर्षों से नहीं हैं महिला चिकित्सक
अनुमंडल मुख्यालय के एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब तीन वर्षो से महिला चिकित्सक का पद रिक्त पडा हुआ है। फलस्वरुप महिला रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। रोगी कल्याण समिति की कई बैठकों में महिला चिकित्सकों के प्रतिनियुक्ति के लिए प्रस्ताव पारित किया गया, बावजूद अभी तक महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है।

गर्भवती महिला व ओपीडी में दिखाने आयी महिला रोगियों को इलाज कराने में परेशानी हो रही है। एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग रोगियों को बेहतर इलाज कराने का दावा कर रही है,वहीं मुख्यालय के पीएचसी में वर्षो से महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं करने से विभाग के अधिकारियों के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह् खडा कर रहा है।

जानकारी दें कि पीएचसी में करीब सात वर्ष पूर्व महिला चिकित्सक डा.नलीनी रंजन के तबादले के बाद महिला चिकित्सक की पीएचसी में प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी। रोगी कल्याण समिति के सदस्यों की माने तो महिला चिकित्सक के तैनाती के लिए कई बार प्रस्ताव पारित कर जिला को भेजा गया है।

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क्या कहते हैं चिकित्सक पदाधिकारी
पीएचसी प्रभारी डॉ.शंभु नाथ झा ने बताया, पीएचसी में महिला चिकित्सक की कमी तो है। उन्होंने बताया कि पीएचसी में मात्र तीन चिकित्सक ही उपलब्ध है। बावजूद किसी तरह मरीज का इलाज विभागीय निर्देशानुसार किया जा रहा है।

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