बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। मुख्यालय के माॅडल हाईस्कूल निर्माण के दो वर्ष में ही क्षतिग्रस्त होना शुरु हो गया है। संबेदक की और से कार्य में किए गए अनियमितता के कारण जहां दो वर्ष के अंदर ही भवन के सारे खिड़की के शीशा क्षतिग्रस्त होकर टूट चुके है। वहीं कई ऐसे उपकरण लगाए ही नहीं गए, जिन्हें हर हाल में लगाया जाना था।
संवेदक की ओर से माॅडल हाईस्कूल में न तो बिजली के उपकरण अथवा वायरिंग कराए गए, न ही पेयजल की सुविधा प्रदान की गयी। शौचालय के निर्माण में हुए व्यापक अनियमितता के कारण शौचालय का सारा पाईप क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहीं शौचालय का टैंक ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुका है।
उधर, भवन के अपूर्ण अवस्था में ही विभाग को हस्तगत कराने पर भी सवाल उठ रहे है। स्थानीय लोगों की माने तो जब भवन में सारा सिस्टम बहाल नहीं किया गया तो फिर कैसे हस्तगत कराए गए। स्कूल में माध्यमिक शिक्षा के लिए एक भी कमरें शैक्षणिक योग्य नहीं है। जिसके कारण विभागीय आदेश के बाद प्रभारी एचएम ने माध्यमिक के छात्रों को भी माॅडल हाईस्कूल के भवन में बैठा कर पढ़ाई शुरु करा दिया, लेकिन विडंबना है कि विभाग माध्यमिक के शिक्षा के लिए कमरों का निर्माण कराने की पहल अब तक नहीं कर रही है। जबकि श्री लीलाधर उच्च विद्यालय में फिलहाल हजारों छात्र नामांकित है।
प्लस टू के पढाई के लिए विभाग की और से करीब सात शिक्षकों की बहाली की गयी है। जबकि माध्यमिक में छात्रों के अनुपात में शिक्षक तो दूर विषयवार शिक्षक की भी किल्लत बनी हुई है। ऐसे में हाईस्कूल के माध्यमिक के छात्रों की किस तरह की शिक्षा मिल रही होगी, इसका अंदाजा लगाना आसान है।
स्कूल के प्रभारी एचएम की माने तो सोलह सौ छात्रों में रोजाना करीब आठ सौ छात्र पढ़ाई के लिए आते है। लेकिन, शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई सही ढंग से नहीं कराई जा रही है।
बता दें कि श्री लीलाधर उच्च विद्यालय विभागीय अनदेखी का भी शिकार हो रहा है। अन्य उच्च विद्यालयों में जहां कम्प्यूटर की शिक्षा के लिए दर्जनों कम्प्यूटर दिए गए, लेकिन मुख्यालय के उच्च विद्यालय के पास एक भी कम्प्यूटर नहीं है। करीब सात लाख के लागत से जीम का सामान मुहैया कराए गए, लेकिन जीम के उपकरण रखने के लिए भवन नहीं है।
फलस्वरुप, स्कूल को प्राप्त जीम का सामान जंग की भेंट चढ़ रहा है। इस संबंध में स्कूल के प्रभारी एचएम अशोक कुमार ने बताया कि माॅडल हाईस्कूल के भवन में हुए समस्याओं के संबंध में विभाग को पूर्ण जानकारी दी जा चुकी है।