अंधराठाढ़ी देशज रिपोर्टर/मधुबनी ब्यूरो। स्थानीय प्रखंड के ठाढ़ी गांव निवासी और गांव के पहले इंजीनियर शिवदत्त झा का आकस्मिक निधन हो गया। कुछ दिन पहले ही वो अचानक बीमार हो गए थे। इलाज के दौरान ही उनका निधन हो गया। श्री झा के निधन से उनके पैतृक गांव में शोक की लहर है। वामपंथी विचारधारा के 85 वर्षीय श्री झा बच्चों को शिक्षित करने और शिक्षित समाज की स्थापना के जुनून में उन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी।
उन्होंने पहली नौकरी गोरगामा हाई स्कूल से शुरू की। बाद में कई स्कूलों में विज्ञान शिक्षक की जिम्मेदारी निभाते हुए प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय अंधराठाढ़ी से सेवानिवृत्त हुए। उस समय शिक्षकों का आर्थिक हाल अच्छा नही था। लोगों ने उनके इस क्रान्तिकाती कदम की खूब आलोचना की। मगर दृढ़ निश्चयी झा अपने निर्णय पर अडिग रहे। एक शानदार कैरियर को लात मारकर श्री झा ने ग्रामीण बच्चों के लिए शिक्षा का जो दीप जलाया वो आज भी रौशन है।
उनके दर्जनों बच्चे आज उच्च मुकाम हासिल कर उनके सपनो को सच कर रहे हैं। साधारण ग्रामीण परिवेश से सफलता के जिस उच्चतम सोपान तक पहुंचे वो लोगो के लिए आदर्श है। साधारण किसान के बेटे श्री झा पश्चिम बंगाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। लेकिन शिक्षा से लगाव होने के चलते इंजीनियर की नौकरी के बजाए उन्होंने शिक्षक बनना पसंद किया। श्री झा अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री, और पोते पोतियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं।
मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ पुत्र गणेशदत्त झा ने दी। महेश दत्त झा विष्णु दत्त झा ब्रह्म दत्त झा देवदत्त झा जय दत्त झा शंभू दत्त झा धर्म दत्त झा केशव दत्त झा कृष्ण दत्त झा शंकर दत्त झा भगवान दत्त झा, प महेश झा, पुरषोत्तम झा, सियाराम झा, राधेश्याम झा, बाबुनन्दन झा, रामनारायण झा, बासुकीनाथ झा आदि ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।