मधुबनी, देशज टा इम्स ब्यूरो। आलू की महंगाई लगातार बढ़ने से किसानों को खेती करने का रुझान बढ़ा है। विगत तीन माह में आलू का दाम तीगुना हो गया है। मुख्य सब्जी होने से सालोभर आलू की मांग होने से जिले के किसानों ने पहले की तुलना में अधिक भूमि में आलू की रोपाई कर रहे हैं।
नाजीरपूर निवासी किसान फिरोज कुजरा,जगदेव महतो,राम सुन्दर यादव,इजरा निवासी किसान जियाउर रहमान कारी,मंजर हुसैन गौड़े,लक्ष्मी साफी,सरेन्द्र महतो आदि ने बताया कि जो किसान आलू की खेती छोड़ दिए थे,वे भी अब करने लगे हैं। आलू के प्रमाणित बीज की उपलब्धता जिले में नही होने से खाने वाले आलू की रोपनी कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में उच्च पैदावार बढ़ाने वाले एवं रोगरोधी किस्मों के आलू के बीज वैज्ञानिकों ने अनुसंधान कर तैयार किया है। परंतु जिला उद्मान की ओर से आलू के नए प्रभेदों के बीज किसानों को नही दे रहे हैं। फिलहाल आलू की कीमत चार हजार रुपये क्वींटल है। ऐसे में किसानों को दोयम दर्जे के आलू बीज के मूल्य अधिक होने से खेती के लागत बढ़ रहा है।
किसानों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से आलू के खेती के लिए जिले के उपयुक्त एवं बेहतर मौसम रहता है। पूर्व में आलू के पिछेती झुलसा रोगों के कारण आलू फसल की उपज प्रभावित करता था। परंतू जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों के बातों पर सहमति जताते कहा कि सरकार भी किसानों को मौसम के अनुकूल विभिन्न प्रकार के खेती करने का विकल्प तैयार किया है।