मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर एक ओर परिवहन विभाग की ओर से अभियान चलाकर खानापूर्ति की गयी। वहीं पुलिस की ओर से हेलमेट जांच के नाम कथित तौर पर मनमाने तरीके से रकम की वसूली जारी रही। सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जिससे लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता आते दिख नहीं रहा।
बुधवार से शुरू हुए मैट्रिक परीक्षा देने जिला मुख्यालय से अनुमंडल मुख्यालयों तक छात्र जरूर पहुंचे लेकिन उनकी सुरक्षा के प्रति जिला परिवहन एवं पुलिस गंभीर नहीं देखी। यही कारण था कि मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की जान की परवाह किए वगैर बसों,आटो,टाटा 407 व अन्य वाहनों के ड्राइवर एवं गाड़ी मालिकों रूपयों के लालच में वाहनों की क्षमता से ज्यादा यात्रियों को कोंच-कोंच कर मुख्यालयों तक पहुंचाते रहे।
इस दौरान कहीं भी परिवहन विभाग एवं पुलिस अधिकारी व कर्मी नजर नही आए। ताकि सुरक्षा के प्रति रोक-थाम एवं वैसे वाहन ड्राइवर एवं गाड़ी मालिकों पर कार्रवाई की जा सके। अगर परिवहन विभाग एवं पुलिस सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर व जागरूक होती, तो आए दिन हो रहे सड़क दुर्घटना में कही न कही कमी जरूर देखने को मिलती। बसों व अन्य वाहनों में क्षमता के ज्यादा यात्रियों को बैठाने वाले बसों व अन्य वाहनों संचालकों में कानूनी भय हमेशा बना रहता।