मुज़फ़्फ़रपुर, देशज न्यूज। बूढ़ी गंडक नदी किनारे बांध के नीचे बसे शेखपुर ढाब के लोगों ने सोमवार को बाढ़ राहत और प्लास्टिक शीट नहीं मिलने पर आक्रोश जताया। आक्रोशित लोगों ने बांस-बल्ला लगाकर अखाड़ाघाट पुल को जामकर घंटों हंगामा किया। राहत की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। (lockdown fail, sustem me dikha ched)
इसकी सूचना पर पहुंचे मुशहरी सीओ व सिकंदरपुर ओपी प्रभारी ने लोगों को जल्द राहत मुहैया कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोग शांत हुए। बाढ़ पीड़ित लोगों का कहना था कि कई दिनों से उनके घरों में बाढ़ पानी है। कमर से ऊपर पानी आ जाने के बाद वे अपने घर-परिवार व माल-मवेशी के साथ बांध पर आ गए हैं।(lockdown fail, sustem me dikha ched)
बांध पर खुले आकाश के नीचे वे रहने को मजबूर हैं। बारिश होने पर उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनकी सुधि लेने को कोई तैयार नहीं है। लोगों ने करीब दो घंटे तक पुल को जाम रखा। इस कारण लॉकडाउन के बावजूद पुल पर लोगों व वाहनों की लंबी कतार लग गई।
इसकी सूचना मिलने के बाद मुशहरी सीओ नागेंद्र कुमार दल-बल के साथ जाम हटाने पहुंचे। उन्होंने सिंकदरपुर ओपी प्रभारी हरेंद्र तिवारी के साथ मिलकर लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। सीओ ने तत्काल खुल आकाश के नीचे रह रहे लोगों को प्लास्टिक शीट और सूखे भोजन का पैकेट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।(lockdown fail, sustem me dikha ched)
इसके बाद लोगों ने पुल से जाम हटाया। पर सवाल है, कोरोना जैसी आपदा में भी महाजाम लगने पर जिला प्रशासन ने पहले ही यह क्यों नहीं सुना, उससे पहले ऐसा क्यों नहीं ऐसा हुआ जो महाजाम-बवाल के बाद हुआ। आखिर इस महाजाम में कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइंस के तमाम दावे खोखले साबित हुए हैं। (lockdown fail, sustem me dikha ched)अखड़ाघाट पुल पर लगा महाजाम