आरा। जनतादल यूनाइटेड के युवा शाखा युवा जदयू के राष्ट्रीय सचिव प्रिंस सिंह बजरंगी और विवादों का नाता खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आरा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा मे एक पुलिस अधिकारी के साथ हुए नोकझोंक के बाद रात्रि प्रहर पुलिस ने उन्हें और उनके एक अन्य साथी जदयू के नेता को उठाकर जबरदस्त तरीके से पिटाई कर दी थी। तब इस मामले को लेकर खूब बवाल मचा था और बाद में उस पुलिस अधिकारी का आरा से तबादला कर दिया गया था।
बात यही खत्म नहीं हुई पिछले साल प्रिंस सिंह बजरंगी और उनके एक साथी पर अपराधियो ने गोलीबारी कर दी थी। इस गोलीबारी में प्रिंस के साथी मिथुन सिंह की मौके पर मौत हो गई थी जबकि प्रिंस सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। अब एक बार फिर प्रिंस सिंह का पुलिस के साथ विवाद शुरू हो गया है।
प्रिंस सिंह बजरंगी एक सफारी गाड़ी से सफर कर रहे थे कि इसी बीच आरा के ओवरब्रिज पर पुलिस ने उन्हें गाड़ी से उतार कर उनके साथ मारपीट की और उनका हाथ तोड़ दिया है। प्रिंस ने मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करने की बात कही तो पुलिस फिर एकबार एक्सन में आ गई और उनपर कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तारी शुरू कर दी है।
पुलिस ने प्रिंस के साथ सफारी गाड़ी में मौजूद उनके साथियों पर भी एफआईआर दर्ज कराया है और इनमे से एक को गिरफ्तार भी कर लिया है। एफआईआर में पुलिस ने सरकारी काम मे बाधा और पुलिस के साथ नोकझोंक का आरोप लगाया है। पुलिस की इस कार्रवाई का जनतादल यूनाइटेड ने विरोध किया है और पार्टी ने भोजपुर के एसपी हर किशोर राय का पुतला जलाया है।
जदयू के कुछ नेताओं ने सोमवार को बताया कि इस मामले को लेकर जल्द ही एक टीम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेगी और लगातार जदयू नेताओ को झूठे मुकदमे में फंसाने की कार्रवाई के खिलाफ कदम उठाने की मांग की जाएगी। फिलहाल प्रिंस सिंह बजरंगी के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई से युवा नेताओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश देखा जा रहा है।
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