मधुबनी। जिले के हरलाखी प्रखंड के बेता परसा पंचायत के वार्ड न-8 मेंने हो हंगामा करते हुए सीडीपीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त वार्ड में आंगनबाड़ी बहाली प्रक्रिया को लेकर वर्ष 2018 में मेधा सूची का प्रकाशन किया गया था, उसके बाद सेविका के चयन को लेकर वर्ष दो हज़ार 20 में पहली आम सभा भी हुई थी, जहां हो हंगामा हो जाने के कारण आमसभा स्थगित हो गई। करीब एक साल बाद जब दूसरी आम सभा के लिए एलएस पहुंची, जहां फाइल खोलने के बाद लोगों ने देखा कि सीडीपीओ की ओर से हस्ताक्षर कर कलम से मेधा सूची में बैक डेट में नए अभ्यर्थी का नाम जोड़कर फाइल में रख दी थी।
जबकि पहले वाले मेधा सूची में उस अभ्यर्थी का नाम कही नहीं था और ना ही पहले आमसभा में वह अभ्यर्थी उपस्थित हुई थी। मामले का खुलासा तब हुआ जब बहाली करने आए पर्यवेक्षिका के द्वारा एक नये अभ्यर्थी का नाम बोला गया, जिसके बाद दर्जनों ग्रामीणों का गुस्सा फूटने लगा और आमसभा का विरोध करते हुए हंगामा शुरु कर दी।
इस दौरान सीडीपीओ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्रामीण सोनफी मंडल, जिबछ मंडल, बौवेलाल मंडल, अशोक कुमार, अनिल कुमार, संतोष कुमार समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि सेविका के लिए कुल_ 5 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उसके बाद पहली आम सभा स्थगित होने के कारण दूसरी आम सभा हो रही थी। सीडीपीओ द्वारा फर्जी तरीके से नए अभ्यर्थी का नाम जोड़कर अवैध बहाली कराने का मामला खुलासा हो गया। उन्होंने कहा कि बिचौलियों के माध्यम से सीडीपीओ मोटी रकम लेकर आंगनबाड़ी बहाली प्रक्रिया में धांधली करती है, जिसके सभी साक्ष्य भी उपलब्ध है। मामले की शिकायत वरीय पदाधिकारी से की जाएगी। इस बाबत सीडीपीओ पुष्पा कुमारी ने बताया कि मामले को देखा जाएगा। वहीं डीपीओ रश्मि कुमारी से दूरभाष पर संपर्क असफल रहा।