पटना, देशज न्यूज। तो क्या सचमुच लोजपा टूटने के कगार पर है। ताजा समीकरण तो इसी ओर इशारा कर रहे हालांकि लोजपा इसे सिरे से इनकार करते अपनी पार्टी को मजबूत बनाने में जुटी है। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी के बागी नेता केशव सिंह के आवास पर दीनानाथ क्रांति की अध्यक्षता में पार्टी के अन्य बागियों की बैठक के बाद जिसमें करीब पांच दर्जन नेताओं ने जेडीयू में शामिल होकर सीएम नीतीश कुमार का हाथ मजबूत करने का फैसला किया यह अपने आप में दर्शाता है, लोजपा में सबकुछ ठीक नहीं है।
केशव सिंह का कहना है कि ये नेता 18 फरवरी को जेडीयू कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। मिलन समारोह में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी, विधान पार्षद नीरज कुमार तथा मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह शामिल रहेंगे।
वैसे, बिहार विधान सभा चुनाव के बाद से ही लोक जनशक्ति पार्टी में भगदड़ मची हुई है।इधर, इस बैठक के बाद लोजपा में एक बार फिर बगावत तय माना जा रहा है। इससे पहले बीते जनवरी में पार्टी के 27 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को अपना समर्थन दिया था। ऐसे में, तय लग रहा है, लोजपा के लगभग पांच दर्जन नेता एक साथ 18 फरवरी को सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल होंगे।
यहां तक, लोजपा के बागी नेता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी कर सकते हैं। लोजपा के बागी नेताओं की बैठक में पार्टी पर धोखाधड़ी का मुकदमा करने का भी फैसला लिया गया है।
लोजपा नेताओं का आरोप है कि चिराग ने झूठ का सहारा लेकर 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को ठगा। फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा चुनाव का टिकट देने की घोषणा की गई, लेकिन बड़ी राशि वसूलने के बाद उन्हें टिकट नहीं दिया गया. पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि पैसे लेकर के लिए एनडीए से बाहर जाकर ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट दिए गए, जिन्होंने न तो पार्टी के लिए सदस्यता अभियान चलाया, न ही उसमें शिरकत की. बैठक में लिए फैसले के अनुसार बागी नेता केशव सिंह, रामनाथ रमण, कौशल किशोर सिंह और दीनानाथ क्रांति भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 420, 406 व 409 के तहत चिराग पासवान पर अलग-अलग मुकदमा दाखिल करेंगे।
इधर,हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टूटने संबंधी बयान देने का लोजपा ने कड़ा विरोध किया है।पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय पासवान ने सोमवार को बेगूसराय लोजपा कार्यालय में कहा कि दानिश रिजवान हम को आगे बढ़ाने और मांझी जी पर ध्यान दें, अनाप-शनाप मत बोलें।
संजय पासवान ने कहा कि लोजपा सांसद चंदन सिंह अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। नीतीश कुमार किसी पार्टी नहीं, बिहार के 15 करोड़ जनता के मुख्यमंत्री हैं। उनसे कोई भी मिल सकता है, उनसे मिलकर अपनी बात कह सकते हैं। लेकिन इस मुलाकात से दूसरे दल के लोगों को काफी बेचैनी हो रही है।
हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इस पर सवाल उठाया है, तो क्या लोग मुख्यमंत्री से मिलने के लिए दानिश रिजवान से पूछ कर जाएंगे। लोजपा सांसद से मुख्यमंत्री के मुलाकात पर उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलने गए तो क्या वह बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे, मांझी जी मिलने जाते हैं तो क्या वे बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे। दानिश रिजवान को मुख्यमंत्री से इतना ही जुड़ाव है तो वह जदयू ज्वाइन कर लें, लोजपा के पीछे क्यों पड़े हुए हैं। लोजपा के नेता खुद विकास पुरुष हैं, हिम्मत से काम लेते हैं और वह किसी पर आश्रित नहीं हैं। लोजपा के टूटने का कयास लगाना पूरी तरह से गलत निराधार है। लोजपा पूरी तरह से एकजुट है, रिजवान जी अनाप-शनाप बोलने के बदले अपनी पार्टी और पार्टी के नेताओं पर ध्यान दें। वह लोगों और लोजपा कार्यकर्ताओं को दिग्भ्रमित करना बंद करें।