हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा मांझी ने
मंत्री बने बेटे संतोष सुमन को सौंप सकते हैं पार्टी की कमान
पटना,देशज न्यूज। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीनतराम मांझी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक एमएलसी सीट और एक मंत्री पद के लिए दबाव डालेंगे। साथ ही, उन्होंने ऐलान किया है कि हमारी पार्टी जदयू के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतरेगी। मांझी ने यह बातें बुधवार को पार्टी की (HAM national executive meeting in Patna) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में (1MLC, 1 Manjhi to pressure Nitish for the post of minister, may hand over HAM to son Santosh) कही है।
कार्यकारिणी की बैठक में मांझी ने पार्टी के विस्तार की योजनाओं पर भी (1MLC, 1 Manjhi to pressure Nitish for the post of minister, may hand over HAM to son Santosh) चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संगठन को मजबूत करेंगे।
कुछ महीनों बाद ही पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके साथ ही जीतनराम मांझी ने एलान किया है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में हम पार्टी जदयू के साथ उतरेगी। बंगाल में कुल 75 सीटों पर चुनाव (1MLC, 1 Manjhi to pressure Nitish for the post of minister, may hand over HAM to son Santosh) लड़ने का एलान जदयू पहले ही कर चुकी है। हम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर भी प्रस्ताव पारित किया गया है।
दूसरी तरफ, यह चर्चा है कि इस बैठक (HAM national executive meeting in Patna) में जीतनराम मांझी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को अपने बेटे के लिए छोड़ सकते हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जीतनराम मांझी के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन हम के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। संतोष सुमन हम के कोटे से नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल अकेले मंत्री हैं। वह (1MLC, 1 Manjhi to pressure Nitish for the post of minister, may hand over HAM to son Santosh) बिहार विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जीतनराम मांझी अपने स्वास्थ्य की स्थिति और पार्टी को विस्तार देने की योजना के तहत यह कदम उठाने वाले हैं। मांझी हाल ही में कोरोना को मात देकर लौटे हैं। बेटे को पार्टी की कमान सौंपने के बाद जीतनराम मांझी पार्टी के संरक्षक की भूमिका में रह सकते हैं।