मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। गुरु गोविंद सिंह अन्याय,अधर्म और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़े थे। वे शांति, प्रेम एकता और समानता के प्रतीक थे। सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक (Guru Govind Singh, who fought against injustice, wrongdoing, atrocities, repression, remembered in Madhubani) गुरु गोविंद सिंह जी की 354 वीं जयंती जिले में उत्साह पूर्वक मनाते हुए वक्ताओं ने यह बात कही।
इस कड़ी में बुधवार को सूरज नारायण सिंह देव नारायण गुड़मैता वाटसन प्लस टू विद्यालय के सभागार में जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया। विद्यालय के प्राचार्य रामकृष्ण मिश्र सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर (Guru Govind Singh, who fought against injustice, wrongdoing, atrocities, repression, remembered in Madhubani) कर्मचारीगण ने गुरु गोविंद सिंह के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम की शुरुआत संगीत शिक्षक डॉ.शिव नारायण मिश्र एवं ओमप्रकाश के गुरुवंदना से हुई। विद्यालय के शिक्षक महाकान्त प्रसाद ने गुरु गोविंद सिंह जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। राजकीय शिक्षक (Guru Govind Singh, who fought against injustice, wrongdoing, atrocities, repression, remembered in Madhubani) सम्मान प्राप्त शिक्षक डॉ.रामसेवक झा ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन अन्याय, अधर्म,अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरा। उनका जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है।
गुरु गोविंद ने अपने अनुयायियों को मानवता को शांति,प्रेम,करुणा,एकता एवं (Guru Govind Singh, who fought against injustice, wrongdoing, atrocities, repression, remembered in Madhubani) समानता की पाठ पढ़ाई। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे। संचालन डॉ.शिवनारायण मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.श्रवण सिंह ने किया।