आरा।गंगा किनारे बसे भोजपुर जिले के कुछ प्रखण्डों में हर साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे लोगों की आर्थिक मदद करने की सरकार की योजनाओ में बड़े घोटाले होते रहे हैं।इन घोटालों की जड़ में स्थानीय जनप्रतिनिधि,सरकारी कर्मी और दलाल शामिल हैं। सरकार द्वारा दिये जाने वाले बाढ़ राहत अनुदान की राशि अयोग्य और अपात्र लोगो को दिये जाने के बाद अनुदान की राशि से वंचित पात्र लोगो की शिकायत पर जब भोजपुर के जिलाधिकारी स्तर से जांच हुई तो बड़े घोटाले का मामला सामने आया है।
भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड के सोहरा पंचायत में अयोग्य लोगो द्वारा बाढ़ राहत अनुदान की राशि गटक लिए जाने का मामला तब सामने आया जब यहां के जागरूक लोगों ने शिकायत कर मामले की जांच का मुद्दा उठाया। बड़हरा प्रखण्ड के फरना पंचायत सहित कई प्रखण्डों में ऐसे घोटाले हुए हैं किंतु उन पंचायतो से शिकायत नही मिलने के कारण यहां बाढ़ राहत अनुदान घोटाला सामने नही आ सका है। वर्ष 2016 में बड़हरा प्रखण्ड में भीषण बाढ़ आई थी और गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाया था। बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगो को राहत देने के लिए सरकार ने प्रति परिवार 6000 रुपये की अनुदान राशि दी थी।
सरकार के बाढ़ राहत अनुदान को लूटने में स्थानीय जनप्रतिनिधि,सरकारी कर्मी,दलाल और अपात्र लोगो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सुनियोजित तरीके से संगठित गिरोह बनाकर ऐसे लोगों ने बाढ़ राहत अनुदान की राशि हड़प ली। सरकार के बाढ़ राहत अनुदान को एक ही परिवार के पिता,माता, पति पत्नी,पुत्र सब के सबने ने 6000-6000 रुपये की राशि गटक ली। अविवाहित युवकों ने भी बाढ़ राहत का अनुदान ले लिया और सरकारी नौकरी पेशा वाले लोगो ने भी बाढ़ राहत के अनुदान की राशि को हड़पा।
सोहरा पंचायत के लोगो ने हिम्मत दिखाई और बाढ़ राहत अनुदान की राशि से वंचित योग्य और पात्र लोगों ने इस मामले के जांच की मांग उठाई। भोजपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने दो अधिकारियों की टीम गठित कर इस मामले की जांच कराई तो बाढ़ राहत अनुदान घोटाले का पर्दाफाश हो गया। अब अयोग्य लोगो द्वारा गलत तरिके से बाढ़ राहत अनुदान की राशि लेने के मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में 40 अपात्र लोगो द्वारा बाढ़ राहत अनुदान लेने का मामला सामने आया है और सभी से अनुदान राशि वापस करने की नोटिश जारी की गई है।
भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड के सोहरा पंचायत में हुए इस बाढ़ राहत घोटाले में वार्ड अनुश्रवण समिति और पंचायत अनुश्रवण समिति को दोषी पाते हुए मुखिया और वार्ड सदस्य पर कार्रवाई की अंचलाधिकारी ने सिफारिश की है। अंचलाधिकारी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।