पटना। प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने आज अपने विभाग में योगदान देने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पूरे कोरोना काल में राज्य की जनता को छोड़ दूसरी जगह चले जाने वाले विपक्ष के नेता आज सवाल उठा रहे हैं। देश में वह इकलौता विपक्ष के नेता थे जो कोरोना के समय में राज्य को छोड़कर बाहर चले गए थे।
मंत्री संजय झा ने कहा कि पूरे देश में मिशाल बना था बिहार कोरोना काल में, संक्रमण से निपटने के लिए राज्य में जिस व्यापक स्तर पर काम हुआ, उतना देश में कहीं और नहीं हुआ है। दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि कोरोना काल में खर्च की जा चुकी है। इसी का परिणाम है कि बिहार में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर करीब नगण्य है।
सजय झा ने कहा कि सूचना भवन में मीडिया सेंटर बनेगा। सभी विभागों की प्रेस विज्ञाप्ति यही से पत्रकारों को उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यों और योजनाओं के साथ-साथ प्राथमिकताओं की सही सही जानकारी जनता तक पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच फर्जीवाड़े पर आनन फानन में जमुई के सिविल सर्जन समेत चार कर्मियों के सस्पेंड और छह कर्मियों की बर्खास्ती को महज दिखावा बताया था। तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जैसा कि पूर्व के 61 घोटालों में करते आए हैं छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का नाटक रच, धन उगाही कर जदयू को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचायेंगे।
तेजस्वी ने लगातार दो ट्वीट करते हुए कहा कि था कि बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही। विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आंकड़ों की बाज़ीगरी नहीं करने वाले तीन स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया। फिर उन्होंने अपने जांचे-परखे आंकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया। उसके बाद अगले तीन दिनों में ही टेस्टिंग की संख्या दुगनी हो गई और लगभग 15 दिनों में यह संख्या एक लाख और 25 दिनों में दो लाख तक पहुंच गई।सारा माजरा आंकड़ों के अमृत मंथन का है।