बक्सर। शरारती यात्रियों से निपटना जिला प्रशासन और रेल प्रशासन के बूते से बाहर की बात हो चली है।जिलाधिकारी अमनसमीर के लाख निर्देश दिए जाने के बावजूद जिले में महाराष्ट्र व अन्य जगहों से आने वाले प्रवासी लोग प्रशासन द्वारा निर्देशित नियमो को नही मान रहे है। शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे पुणे -पटना एक्सप्रेस के बक्सर स्टेशन पर रुकते ही ट्रेन से उतरे तीन सौ प्रवासी मुख्य दरवाजे और पिछले दरवाजे से बगैर कोविड -19 की जांच कराए भागते नजर आये।
जबकि ट्रेन आने से पूर्व रेलवे प्रशासन द्वारा एनाउंस किया जा रहा था कि आगंतुक यात्री बिना भय के करोना जांच कराए। ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर रेल प्रशासन के पास सटीक सूचना थी। दसको लेकर जिला प्रशासन जिला स्वाथ्य विभाग के द्वारा स्टेशन स्थित जांच केंद्र पर स्वाथ्यकर्मियों को नियुक्त किया गया था।
जैसे ही ट्रेन बक्सर स्टेशन पर रुकी यात्रियों को पुलिस बलों की ओर से कतारबद्ध कराया जाने लगा। इस बीच कतार में खड़े लोग कई बार पुलिस से उलझ भी गये ,पुलिस व प्रशासन के लोग जबतक सचेत होते यात्रियों की भीड़ भगदड़ का शक्ल ले चुकी थी।देखते ही देखते तीन सौ के करीब यात्री बिना करोना जांच कराए भग गये है।
इसको लेकर स्टेशन पर मौजूद जिलाप्रशासन से जुड़े अधिकारी ने बताया यात्रियों को हमे सहयोग करना चाहिए पर यात्री ऐसा ना कर जिले में करोना विस्फोट का प्लाट तैयार कर रहे है। इन दिनों जिला मुख्यालय में कोरोना विस्तार की गति तेज है,जिसको लेकर प्रशासन तो सचेत है पर लापरवाह यात्री प्रशासन के लिए चुनौती बन गये है।आज की घटना को लेकर बक्सर स्टेशन प्रबंधन के द्वारा कहा गया है कि स्टेशन से बाहर निकले के सम्भावित सभी गेट बंद कर दिये जायेंगे सिवाए मुख्य प्रवेस द्वार के।