दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। बारह वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजी हुकूमत के समय अंग्रेजी हुकूमत के इमारत पर नवादा में तिरंगा फहराने वाले सर्वहारा नेता पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद व माकपा के पूर्व सचिव गणेश शंकर विद्यार्थी की आकस्मिक निधन की खबर पर बार एसोसिएशन भवन में शोक सभा आयोजित (The salute of the Darbhanga Bar Association to the proletarian leader Ganesh Shankar Vidyarthi, reverently than tearful) की गई।
पूर्व लोक अभियोजक कौशर इमाम हाशमी की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता राजीव रंजन ठाकुर ने कहा कि स्वर्गीय विद्यार्थी को प्यार से लोग गणेश दा कहके पुकारते थे। वे दो बार बिहार विधान सभा का सदस्य और एक बार विधान परिषद के सदस्य रहे। वे बिहार के किसान मजदूरों के (The salute of the Darbhanga Bar Association to the proletarian leader Ganesh Shankar Vidyarthi, reverently than tearful) हक हकूक के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे।
अधिवक्ता मुरारी लाल केवट ने कहा कि वे श्रमजीवियों के हितों के लिए जीवन भर सक्रिय रहे। वकील रमणजी चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी जी माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रहे। वहीं नवादा (The salute of the Darbhanga Bar Association to the proletarian leader Ganesh Shankar Vidyarthi, reverently than tearful) जिले के रजौली में जन्म लेने के बाद उन्होंने बाल काल से ही क्रांतिकारी रहे। मौके पर नीरज कुमार ठाकुर, संतोष कुमार सिन्हा, मनोज कुमार, जलज कुमार गोपी, रामवृक्ष साहनी, प्रमोद कुमार ठाकुर, रामाधार मंडल, अजय कुमार चौधरी, सुभाष महतो ,मोहम्मद जफर इकबाल, धीरज कुमार यादव, दिनेश कुमार ,अरुण कुमार ,मिथिलेश कुमार ,धीरज कुमार, संतोष कुमार झा सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे।
वहीं दीवानी मामलें के अधिवक्ता अवधेश कुमार लाल दास के आकस्मिक निधन की खबर पाकर केंद्रीय कक्ष में अध्यक्ष रवि शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में मंगलवार को शोक सभा का किया गया। महासचिव कृष्ण कुमार मिश्रा ने शोकोदगार व्यक्त करते हुए कहा कि अवधेश बाबू दीवानी मामलें के अच्छे जानकार वकील थे। वे व्यवहार (The salute of the Darbhanga Bar Association to the proletarian leader Ganesh Shankar Vidyarthi, reverently than tearful) न्यायालय में वकालत पेशा से सक्रिय रुप में जुड़े हुए थे।विगत कुछ वर्षों से वे बिमार थे। उनके पिता स्व. गंगा नारायण लाल दास भी सिविल कोर्ट दरभंगा में दीवानी मामलें के अच्छे जानकार वकील थे।
शोक सभा में वकीलों ने दो मिनट का मौन रख मृतात्मांं की शांति के लिए प्रार्थना किया।इसके पश्चात वकीलों ने अपने प्रिय अधिवक्ता के सम्मान में किसी भी प्रकार का न्यायिक कार्य नही करने का निर्णय लिया। वकीलों के इस निर्णय की सूचना महासचिव कृष्ण कुमार मिश्रा ने सभी अदालतों को भेज दी।शोक सभा में मिथिलेश चौधरी, विश्वनाथ कापड़ी, अमर प्रकाश, अनिल प्रसाद, वैधनाथ झा,रतन कुमार झा, भवनाथ मिश्रा, विजय कुमार चौधरी सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे।