सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स ब्यूरो। हिंदी-मैथिली की प्रख्यात लेखिका मैथिली ठाकुर की एक और पुस्तक माटिक गंध बाजार में आई है। माटिक गंध कथा संग्रह है। इसमें मैथिली की चौदह कथाओं का समावेश है।
कथाएं पाठकों को बांधती भी है उन्हें मैथिली की मिठास में भिंगोती भी है। मंगलवार को पुस्तक का लोकार्पण सिंहवाड़ा उत्तरी पंचायत स्थित सीतायन में मैथिली-हिंदी के प्रसिद्ध विद्धान व कथाकार चौधरी कौशल किशोर ठाकुर के हाथों हुआ। इससे पूर्व चौधरी ठाकुर को लेखिका मैथिली ठाकुर व दरभंगा संस्कृत विवि के सेवानिवृत्त वरीय अधिकारी अजित कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से शॉल व पाग देकर सम्मानित किया। मौके पर प्रो.राजेश ठाकुर ने माटिक गंध की रोचकता, उसकी उत्कृष्ठता पर प्रकाश डालते कहा, माटिक गंध लेखिका की पहली कथा संग्रह है।
प्रो.राजेश ठाकुर ने लेखिका का परिचय कराते कहा, लालबाग के आचार्य गंगाधर मिश्र के निर्देशन में सतत् साहित्यक व सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से बचपन से जुड़ी मैथिली ठाकुर को राजभाषा मनिल डेलवपमेंट हैदराबाद के निदेशक स्व.गोवर्द्धन ठाकुर के तौर पर जीवन साथी मिले जो इनकी हमेशा से प्रेरणास्त्रोत रहे।
वहीं, संस्कृत विवि के सेवानिवृत्त वरीय अधिकारी अजित कुमार ठाकुर ने कहा, कथा मनक मनोरथ, परबतिया, दुआ कुछ ऐसी चुनिंगा कथाएं हैं जो पाठकों को अंदर तक झकझोर देती है।
मौके पर मैथिली-हिंदी के प्रसिद्ध विद्धान व कथाकार चौधरी कौशल किशोर ठाकुर ने कहा, मैथिली में उपन्यास का प्रकाशन व उसका लेखन कार्य बेहद दुरूह है। मैथिली भाषा के विस्तार व प्रसार में यह पुस्तक बहुआयामी साबित होगा।
कहा, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं मैथिली के साथ है जो इस पुस्तक के साथ एकबार फिर मैथिली यानी अपनी मातृभाषा को बहुत कुछ खास दे गई हैं। मौके पर, शैलू ठाकुर,अजय झा, मुकेश कुमार, नीलेश झा समेत कई गणमान्य ने भी अपने विचार रखे।