उत्तम सेन गुप्ता। बिरौल को नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद भी स्थानीय कुछ स्वार्थी लोगों और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की अनदेखी से फंसे इस मामले को नीचे से लेकर उच्च स्तरीय जनप्रतिनिधियों की पहल इसे सुधारने में लगे हुए हैं। इससे वर्ष 2017 में बिरौलवासियों को उस समय के गौड़ाबौराम से मंत्री रहे मदन सहनी के प्रयास के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से नगर परिषद का दिया गया तोहफा बरकरार रहे।
2020 में बिरौल को नगर परिषद के स्थान पर अफजला पंचायत को नगर पंचायत बनाए जाने से संबंधित सूचना लोगों को मिलते ही स्थानीय लोगों मे भूचाल आ गया और प्रखंड प्रशासन की गलत नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने लगा।
जिप उपाध्यक्ष ललिता झा और समाजसेवी राजकुमार सिंह के नेतृत्व में सात सदस्यों का एक शिष्ट मंडल डीएम डॉ.त्याग राजन एसएम से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। इसके बाद इस मामला पटना विधानसभा तक पहुंच गया। विधायक स्वर्णा सिंह ने भी संबंधित विभाग के मंत्री को पत्र लिखकर अपनी सहमति जताई।
इधर समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के साथ बिरौल के उछटी निवासी संजीव झा जब मंत्री संजय झा से मिलकर ज्ञापन सौंप है। मौके पर ज्ञापन स्वीकार करने के साथ मंत्री श्री झा की ओर से आश्वासन मिलने और सरकार के प्रधान सचिव से बात करने के बाद अब बिरौल के सुपौल वासियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पूर्व में दिए गए नगर परिषद का तौहफा बरकरार रहने की संभावना प्रबल होती दिख रही है।