Bihar
पर्यावरण बचाने दरभंगा में साइकिल से निकले वीसी,बोले यूजीसी के चेयरमैन संवाद सीधा असरकारी

दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। विश्व पर्यावरण दिवस पर विश्वविद्यालय व कॉलेज कर्मियों के साथ आमजनों को बड़ा संदेश देते हुए संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि वैसे तो जमाना तुरंतो का है लेकिन कोरोना काल में खासकर शारीरिक दूरी का निर्वहन करने के लिए साइकिलिंग बेहद ही कारगर होगी।
वीसी प्रो.सिंह ने कहा, इससे संक्रमण का बचाव भी होगा। सेहत भी बनी रहेगी। मैसेज सीधा व असरकारी रहे। सभी साइकिलिंग की ओर मुखातिब भी हों, इसके लिए उन्होंने बीएचयू कैंपस में अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह के साथ काफी देर तक साइकिल चलाई।
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मौके पर चेयरमैन प्रो. सिंह ने कुलपति प्रो. सिंह की पहल की न सिर्फ तारीफ की बल्कि साइकिलिंग को पैशन के रूप में अपनाने की भी उन्होंने दमदार अपील की।
यह जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया, कुलपति ने मौके पर साफ कहा, कम से कम प्रत्येक सप्ताह के शुरू व आखिरी दिनों में भी साइकिलिंग कर हम सभी शुद्ध पर्यावरण को संपोषित कर सकते हैं।
उन्होंने इजहार किया, सभी विश्वविद्यालयों के कर्मी इसे अपनाएं। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में अपनी महती भूमिका निभाएं। जाहिर है ऐसे में हमें शुद्ध हवा-पानी मुहैया होगा। हम सभी की जिंदगी भी लंबी हो सकेगी।
Madhubani
बकाया राशि की भुगतान की मांग पर मधुबनी समाहरणालय का घेराव सोमवार को

आवास लाभुकों ने मशाल जुलूस निकाल कर प्रषासन को किया अगाह
मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो। गरीब-गुरबा अधिकार मंच के द्वारा नगर में मशाल जुलूस निकाला गया। जो नगर में मुख्य मार्ग होते हुए रेलवे स्टेशन मधुबनी पर सभा में तब्दील हो गया। मशाल जुलूस (Madhubani Collectorate on Monday demanding payment of the outstanding amount) आवास योजना घोटाले और सही लाभुकों का बकाया राशि की भुगतान को लेकर किया गया।
मंच के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि हम मशाल जुलूस निकालकर गरीब शोषित पीड़ित जनता को जगाने का काम कर रहे है। जिसके साथ नगर परिषद मधुबनी के दलाल एवं बिचैलियों ने आवास (Madhubani Collectorate on Monday demanding payment of the outstanding amount) योजना में उनको गुमराह कर पैसा ठगने का काम किया। वहीं मंच के उपाध्यक्ष विजय घनश्याम ने कहा कि सोमवार को समाहरणालय का घेराव किया जाएगा।
जिलाधिकारी एवं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (Madhubani Collectorate on Monday demanding payment of the outstanding amount) को बताना चाहिए कि गरीबों का आवास योजना का बकाया राशि पिछले तीन साल से क्यूं नही भुगतान किया जा रहा है।
मशाल जुलूस में प्रकाश जयकर,मुलायम सिंह,चैठी महतो,रामचंद्र महतो,बैधनाथ साह,राजू साह,बैजू साह सहित सैकड़ों गरीब गुरबा मंच के सदस्यों ने मशाल जुलूस में भाग लिया।
Bihar
बिहार के 13 विश्वविद्यालयों ने कहां और कैसे खर्च किए 1200 करोड़, नहीं दिया हिसाब, फंसे

बिना हिसाब दिए मुश्किल होगा विश्वविद्यालयों को अनुदान की राशि मिलना
पटना, देशज न्यूज। बिहार के सभी 13 परंपरागत विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग द्वारा दी गई राशि का हिसाब-किताब लंबित है। शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय को विगत कई वर्षों में जारी की गयी अनुदान तथा विभिन्न विकासात्मक मद की राशि में से 1200 करोड़ रुपये विश्वविद्यालयों ने कहां और कैसे खर्च किए, इसका ब्योरा ही नहीं दिया है।
इसको लेकर विश्वविद्यालयों को बार-बार विभाग की ओर से पत्र (Where and how 13 universities of Bihar spent 1200 crores, did not account, stranded) भेजा गया, लेकिन उनकी सुस्ती को देखते हुए अब विभाग गंभीर है। सोमवार से विश्वविद्यालयवार होने वाली समीक्षा बैठक में लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र का मामला उठेगा। विश्वविद्यालयों को यह जमा भी करना होगा।
शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की अध्यक्षता में विगत 23 दिसम्बर को उच्च शिक्षा को लेकर हुई समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा था। बैठक में ज्यादातर (Where and how 13 universities of Bihar spent 1200 crores, did not account, stranded) विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी शिरकत की थी। तब कुलपतियों ने खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के लिए दो माह का समय लिया था।
कहा था कि इस अवधि के अंदर वे पाई-पाई का हिसाब उच्च शिक्षा निदेशालय को भेज देंगे। कुलपतियों के आश्वासन का असर भी हुआ। पहली बार करीब 600 करोड़, जबकि (Where and how 13 universities of Bihar spent 1200 crores, did not account, stranded) उसके बाद भी 300 से 400 करोड़ खर्च का ब्योरा विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग को भेजा। इस एक हजार करोड़ का हिसाब मिलने के बाद भी करीब 1200 करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब भी विश्वविद्यालयों पर बाकी है।
शिक्षा विभाग ने जो 2200 करोड़ रुपए विश्वविद्यालयों को दिए थे, यह राशि वेतन, पेंशन, विकास और सम्बद्ध कॉलेजों के अनुदान मद की है। विभाग के सामने समस्या यह है कि जबतक पूर्व में दी गई राशि (Where and how 13 universities of Bihar spent 1200 crores, did not account, stranded) का ब्योरा उसे नहीं मिलेगा, तबतक वह संबंधित विश्वविद्यालयों को उसी मद में अनुदान की राशि कैसे दी जा सकती है।
विश्वविद्यालयों के लिहाज से भी प्रमाणपत्र देना जरूरी है, ताकि उसे आगे भी राशि सरकार से मिल सके। शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ ने इसी 18 जनवरी से 15 फरवरी के बीच सभी 13 परंपरागत विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक बुलायी है। अलग-अलग तिथियों में होने वाली इन बैठकों में संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति अपनी पूरी टीम के (Where and how 13 universities of Bihar spent 1200 crores, did not account, stranded) साथ शामिल होंगे। इधर से उच्च शिक्षा निदेशालय की भी टीम होगी। उम्मीद की जा रही है कि इन बैठकों में 1200 करोड़ रुपए का हिसाब सरकार को मिल जाएगा।
Darbhanga
मधुबनी जेएन कॉलेेज के पूर्व प्रोफेसर, दरभंगा मनीगाछी निवासी पत्रकार डॉ.योगानंद झा का निधन

मधुबनी, देशज टाइम्स ब्यूरो । जेएन कॉलेज मधुबनी के विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान के सेवानिवृत प्रोफेसर 78 वर्षीय डॉ. योगानन्द झा का रविवार को मधुबनी निवास पर निधन दिल का दौड़ा पड़ने से हो गया।
प्रो योगानंद सिंह झा दरभंगा जिला के मनीगाछी थाना क्षेत्र के ग्राम चनोर ड्योरही निवासी स्व. वेदानंद सिंह झा के सुपुत्र थे। प्रो योगानंद सिंह झा का प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में बलौर उच्च विद्यालय (Former journalist of Madhubani JN College, Darbhanga Manigachi resident journalist Dr.Yoganand Jha passed away) से हुआ।
मैट्रिक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 1960 में उनका नामांकन पटना कॉलेज पटना में कला संकाय में हुआ। वर्ष 1966 में पटना कॉलेज से राजनीति विज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण किया। उन्होने वर्ष 1967 में महिला कॉलेज कटिहार से नौकरी का शुरूआत की। वर्ष 1969 में डा झा जेएन कॉलेज मधुबनी में राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष पद पर योगदान दिया।
वहीं से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए। अपने कार्यकाल के दौरान श्री झा ने मिथिला विश्वविद्यालय से रिपब्लिक इन एंसीएन्ट इंडिया पर शोध कार्य किया। तथा पीएचडी की उपाधि हासिल किया। छात्र (Former journalist of Madhubani JN College, Darbhanga Manigachi resident journalist Dr.Yoganand Jha passed away) जीवन से ही डॉक्टर झा को नाट्य विधा में नाट्य लेखन एवं नाट्य मंचन का शौख रहा था। वे एक अच्छे नाट्य मंच के कलाकार भी रहे हैं।
पटना यूनिवर्सिटी एवं मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें नाट्य मंचन में स्वर्ण पदक दिया गया था। डॉक्टर योगानंद सिंह झा का साहित्यिक नाम योगानंद सुधीर है। अपने विषय राजनीति विज्ञान के साथ-साथ हिंदी मैथली एवं अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ हमेशा बनी रही। वर्ष 2005 में उन्होंने ग्रीक दार्शनिक प्लेटो की पुस्तक (Former journalist of Madhubani JN College, Darbhanga Manigachi resident journalist Dr.Yoganand Jha passed away) रिपब्लिक का हिंदी में गणराज्य के नाम से अनुवाद किया। दिल्ली से शिप्रा पब्लिकेशन ने इसका प्रकाशन किया है।
वर्ष 2009 में सरसों पाही की साहित्यिक संस्था ने डॉक्टर झा द्वारा महाकवि विद्यापति द्वारा रचित पुरुष परीक्षा पुस्तक का नाट्य रूपांतरण पुस्तक कगया था। बंगाल के प्रसिद्ध साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखी गई विश्व प्रसिद्ध पुस्तक आनंद मठ का मैथिली भाषा में अनुवाद किया। प्रसिद्ध पुस्तक आनंद मठ का मैथिली में अनुवाद किया। इसका प्रकाशन कला प्रकाशन वाराणसी की ओर सेे 2011 में हुआ। साथ ही 33 वर्षो तक इंडियन नेशन आर्यावर्त (Former journalist of Madhubani JN College, Darbhanga Manigachi resident journalist Dr.Yoganand Jha passed away) के वरिष्ट पत्रकार भी रहे। स्व.प्रो योगानंद सिंह झा अपनी पत्नी,दो पुत्र एवं एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
बड़े पुत्र शरत कुमार सिंह झा पीडीकेजे कॉलेज अंधराठाढ़ी एवं द्वितीय पुत्र पत्रकार कार्तिक कुमार शामिल हैं। इधर निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा शकिल अहमद,देवेन्द्र प्रसाद यादव,सांसद अषोक यादव,विधायक समीर कुमार महासेठ,पूर्व विधायक डा फैयाल अहमद,पूर्व विधायक भावना झा,जेपी (Former journalist of Madhubani JN College, Darbhanga Manigachi resident journalist Dr.Yoganand Jha passed away) सेनानी हनुमान प्रसाद राउत, मनोज पूर्वे,पत्रकार रामानन्द सिंह,लंबोदर झा,अमरनाथ आनन्द,महिर झा, शैलेन्द्र कुमार,हेमंत कुमार सिंह, आकिल हुसैन,रमन कुमार, फिरोज आलम, मो. नेहाल, मो. नदीम, अशोक कुमार, अजयधारी सिंह, कुमार गौरव,उदय झा, एखलाक सिद्दीकी,राम शरण साह,राजू प्रसाद,अभय झा सोनू,कल्याण कुमार आदि शामिल हैं।
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