अप्रैल,24,2024
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मिथिला की परंपरा का जीवंत गवाह बना बिरौल, 21दिनों की वनवास के बाद श्रीराम सरीखे विदाई

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बिरौल, देशज टाइम्स ब्यूरो। विदाई का क्षण अपनापन वाला रहा। सभी 45 लोगों को पीली धोती पहनाकर विदा किया गया। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बारात को अपने घर से विदा कर रहा हो, उनके लिए ये विदाई यादगार रहेगी। यह कहना है बेहद ही कष्टपूर्ण यात्रा कर परदेश से अपने घर पहुंचे प्रवासियोंं का। 21 दिनों तक एकांतवास केेंद्र में रहने के बाद  एकांतवास प्रबंधकों ने जिस प्रकार से उनलोगों की विदाई की है, वह आवासितों के लिए जीवन पर्यंत एक सुखद अनुभव के साथ-साथ जिले के लिए एक यादगार मिसाल बन गया है।

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दरअसल, जिले के बिरौल प्रखंड क्षेत्र के सहसराम मिडिल स्कूल मेें बने एकांतवास केन्द्र के प्रबंधकों ने अपने यहां से विदा होने वाले कुल 45 प्रवासियों को मिथिला की परंपरानुसार पीली धोती पहना कर बारातियों की भांति विदा किया।

इस बात की चर्चा हर ओर हो रही है। इस संदर्भ में उस एकांतवास केंद्र के एक आवासित हरेराम पासवान बताते हैं कि एकांतवास केंद्र पर कई तरह की परेशानियों का होना आम बात है। ऐसे में, आवासन के दौरान उन लोगों को भी कई परेशानियां झेलनी पड़ीं लेकिन आखिरी दिन सेंटर के प्रबंधकों की सहृदयता देख कर वे भावुक हो उठे।

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उधर मध्य विद्यालय, सहसराम के प्रधानाध्यापक चंद्रकांत पाठक बताते हैं कि सभी प्रवासियों को धोती सरकार की तरफ से देने के लिए मिली थी। उन लोगों ने धोतियों को पीले रंग से रंग दिया और उन्हें पहनाकर प्रवासी मजदूरों की मिथिला के परंपरानुसार विदाई दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से समाज को एक सुखद संदेश जाएगा। ये प्रवासी मजदूर भी जीवनभर इस विदाई को याद रखेंगे।

उन्होंने बताया कि इस एकांतवास केन्द्र से कुल 45 मजदूरों की विदाई हुई है जिनमें 39 सहसराम और बाकी दूसरे गांवों के निवासी  हैं।

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